Bijapur Naxals Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. दो महिला सहित 17 लाख रुपये के इनामी 4 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है. कल (शनिवार) शाम से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी. रविवार दोपहर तक मुठभेड़ चला और उन्हें निरस्त्र किया गया.
दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के चार माओवादी मारे गए
बीजापुर जिले के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में बासागुड़ा और गंगलूर थाना के सरहदी जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया. मुठभेड़ में दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के चार माओवादी मारे गए, जिनमें तीन एसीएम स्तर के और एक पार्टी सदस्य कमांडर शामिल है.
भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद
मुठभेड़ स्थल से एक एसएलआर, एक इंसास, एक 303 रायफल, एक 12 बोर बंदूक, बीजीएल लांचर, सिंगल शॉट हथियार सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सल संबंधी अन्य सामान बरामद किए गए.
विश्वसनीय सूचना के आधार पर चला सर्च ऑपरेशन
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र यादव ने बताया कि जिले के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में माओवादी कैडर की गतिविधियों की विश्वसनीय सूचना के आधार पर डीआरजी बीजापुर की टीम द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया.
26 जुलाई की शाम से चल रही थी मुठभेड़
अभियान के दौरान 26 जुलाई 2025 की शाम को पुलिस बल और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ होती रही. मुठभेड़ के बाद स्थल की तलाशी में भारी मात्रा में हथियार और सामग्री बरामद की गई.
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मारे गए माओवादियों की हुई पहचान
सुरक्षा बलों की रणनीति का असर: 19 महीनों में 425 नक्सली ढेर
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में मिली निर्णायक बढ़त को आगे बढ़ाते हुए, साल 2025 में भी बस्तर संभाग में प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई (माओवादी) संगठन के विरुद्ध सुरक्षा बलों द्वारा सघन और निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं. इन अभियानों के अंतर्गत जनवरी 2024 से जुलाई 2025 तक 425 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं. यह सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति, साहसिक कार्रवाई और जनसमर्थन का प्रमाण है.
चुनौतीपूर्ण मानसून में भी सुरक्षा बलों की निर्भीकता
पुलिस महानिरीक्षक ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि मानसून की कठिन परिस्थितियां—लगातार वर्षा, दुर्गम जंगल-पहाड़ी इलाका और जोखिमभरे रास्ते—भी सुरक्षा बलों के हौसले और प्रतिबद्धता को कम नहीं कर सकीं. सभी बल कठिन भौगोलिक और मौसमीय चुनौतियों के बावजूद पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं
जितेंद्र बहादुर सिंह