छत्तीसगढ़: कांग्रेस का वो 'बाबा', जिसके पास है 500 करोड़ की दौलत

छत्तीसगढ़ में पहले चरण के लिए 12 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

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त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव उर्फ टीएस बाबा (File Photo: Twitter Profile) त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव उर्फ टीएस बाबा (File Photo: Twitter Profile)

मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

छत्तीसगढ़ की सियासत में कई चेहरे ऐसे हैं जो शाही रुतबा रखते हैं. इन्हीं में सबसे बड़ा नाम है विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव. वे सरगुजा रियासत के राजा हैं, लोकप्रियता इतनी की सूबे के लोग उन्हें राजा साहब या हुकुम की बजाए प्यार से टीएस बाबा बुलाते हैं.

इतना ही नहीं बल्कि टीएस सिंहदेव राज्य के सबसे अमीर विधायक हैं. अगर कुछ अन्य राज्यों के विधायकों से उनकी तुलना करें तो 2013 के आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम के सभी विधायकों की संपत्ति को मिला दिया जाए तो उनकी कुल संपत्ति होती है.

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टीएस सिंह राज्य की अंबिकापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, शपथ पत्र में उनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ से अधिक है. 2013 में उनकी कुल संपत्ति लगभग 551 करोड़ थी, तो वहीं इस बार उनकी संपत्ति 504 करोड़ के आस-पास है. अंबिकापुर इलाके में कई मकान, सरकारी इमारतें, यात्रियों के लिए बनाए गए सराय, हॉस्पिटल, स्कूल या खेतों पर इन्हीं के परिवार का मालिकाना हक है.

बता दें कि अंबिकापुर सीट से उनके सामने BJP के अनुराग सिंहदेव चुनाव लड़ रहे हैं. टीएस सिंहदेव पिछले दो बार से अंबिकापुर में चुनाव जीतते आए हैं, इस बार उनकी नजर हैट्रिक पर है.

अंबिकापुर के बारे में...

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शहरों में से एक अंबिकापुर विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम सीट मानी जाती है. क्योंकि पिछले दो चुनावों में भले ही भारतीय जनता पार्टी बहुमत के साथ राज्य की सत्ता हासिल करने में कामयाब रही हो, लेकिन अंबिकापुर में वह जीत का स्वाद नहीं चख पाई.

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सरगुजा जिले की अंबिकापुर विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने शहरों में से एक है. छत्तीसगढ़ में रेल कनेक्टविटी, बड़े स्कूल, अन्य चीजें मौजूद हैं. लेकिन ये क्षेत्र अधिकतर खेती पर निर्भर है, अंबिकापुर का करीब 40 फीसदी इलाका कृषि से ताल्लुक रखता है. इसलिए इन चुनावों से यहां के किसानों को बड़ी आस है.

अगर इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी को यहां आखिरी बार जीत 2003 के विधानसभा चुनाव में ही नसीब हुई थी.

छत्तीसगढ़ के बारे में...

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.

2013 चुनाव में क्या थे नतीजे...

2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.

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2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

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