देश की सबसे प्रसिद्ध पंडवानी लोक कलाकार तीजन बाई आज जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रही हैं. देश में ऐसे बहुत से लोक कलाकार हैं जो असाधारण प्रतिभा से धनी होने और बड़ी सफलताओं को छूने के बाद भी आज दुर्दिन देखने को मजबूर हैं. तीजन बाई इसका जीता जागता उदाहरण हैं.
78 साल की तीजन बाई ने अपनी कला के लिए तीनों पद्म पुरस्कार हासिल किए लेकिन अब वह अपनी पेंशन के लिए जूझ रही हैं. 2023 में उनके छोटे बेटे के निधन के बाद, पैरालिसिस ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया, तब से वह बिस्तर पर हैं और अपने बच्चों पर निर्भर हैं.
पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे बेटे
उनके बच्चे पिछले 8 महीनों से लंबित पेंशन पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. छत्तीसगढ़ में सभी प्रसिद्ध कलाकार राज्य सांस्कृतिक विभाग द्वारा 2000 रुपये की मासिक पेंशन और चिकित्सा व्यय के लिए 25000-50000 रुपये पाने के हकदार हैं.
मिला जापान का सबसे बड़ा सम्मान
एक समय था जब तीजन बाई को देश-विदेशों में बड़े-बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता था. उन्हें जापान का सबसे बड़ा सम्मान, फुकुओका आर्ट्स और कल्चर पुरस्कार भी मिल चुका है. जिन लोगों ने उन्हें मंच पर परफॉर्म करते हुए देखा है वो आज उनकी आवाज सुनने को तरस रहे हैं.
भूपेश बघेल ने किया मदद का आग्रह
उनकी पीड़ा और तकलीक को देखते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी राज्य सरकार से पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता को सुविधा देने का आग्रह किया है. दुर्ग कलेक्टर ऋचा चौधरी का कहना है कि सितंबर तक की पेंशन खाते में आ गई है. हालांकि तकनीकी खामियों पर गौर किया जा रहा है.
भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत थीं तीजन बाई
तीजन भिलाई स्टील प्लांट में S11 कर्मचारी के रूप में भी कार्यरत थीं, जिसकी पेंशन उन्हें 2021 तक मिल रही थी. उनकी हालत की रिपोर्ट वायरल होने के बाद, ईपीएफओ अधिकारी तकनीकी गड़बड़ियों को दूर करने के लिए आगे आए, जिसके बाद अब वह बीएसपी से पेंशन के रूप में 1.36 लाख रुपये पाने की हकदार हैं.
दुर्भाग्य से, तीजन बाई अकेली कलाकार नहीं हैं जो इन दुखों या ऐसे हालात से गुजर रही हैं. न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर में ऐसे कई कलाकार हैं जो बड़ी सफलता हासिल करने के बावजूद आज आजीविका के लिए या तो पेंशन पर निर्भर हैं या संघर्ष कर रहे हैं.
सुमी राजाप्पन