छत्तीसगढ़ में 5 खूंखार नक्सलियों समेत 25 ने किया सरेंडर, सिर पर था 28 लाख रुपये का इनाम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक साथ 25 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है जो सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. इन नक्सलियों में पांच ऐसे थे जो कई हमलों में शामिल थे और इनके सिर पर सरकार ने 28 लाख रुपये का इनाम रखा था. सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने कहा कि वो खोखली माओवादी विचारधारा और संगठन नेताओं द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार से निराश होकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ना चाहते हैं.

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यह सांकेतिक तस्वीर है. यह सांकेतिक तस्वीर है.

aajtak.in

  • बीजापुर,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पच्चीस नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है जिनमें से पांच के सिर पर कुल 28 लाख रुपये का इनाम था. सभी ने बीजापुर जिले में आत्मसमर्पण किया है. अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की गंगलूर और भैरमगढ़ क्षेत्र समितियों में सक्रिय 25 नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक 'दो महिलाएं, शंबती मडकम (23) और ज्योति पुनेम (27), और महेश तेलम माओवादियों की कंपनी नंबर 2 में सक्रिय थे और उनके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम था. 

बीजापुर के एसपी जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि मडकम 2012 से सक्रिय थी और 2020 में सुकमा में मिनपा हमले में शामिल थी. इस हमले में 17 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी. इसके अलावा वो 2021 में टेकलगुडेम (बीजापुर) हमले में भी शामिल थी, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.

एसपी ने बताया कि पुनेम और तेलम इस साल मई में बीजापुर के पिडिया गांव में एक मुठभेड़ में शामिल थे, जिसमें 12 नक्सली मारे गए थे. प्लाटून नंबर 16 'बी' के सेक्शन डिप्टी कमांडर विष्णु करतम उर्फ ​​​​मोनू (29) और जयदेव पोडियाम (18), मिरतुर एलओएस (स्थानीय संगठन दस्ता) पीएलजीए सदस्य, पर 3 लाख रुपये और 1 लाख रुपये का इनाम था,'

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अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले दो अन्य, गुड्डु काकेम (20) और सुदरू पुनेम (32) के सिर पर 10,000 रुपये का इनाम था. पुलिस के मुताबिक नक्सलियों ने खोखली माओवादी विचारधारा और संगठन नेताओं द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार से निराशा का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण कर दिया, उन्होंने कहा, हथियार डालने वालों में से प्रत्येक को 25,000 रुपये की सहायता प्रदान की गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा.


 

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