बक्सर में गंगा नदी में लगातार शव मिल रहे हैं, जिसे लेकर बक्सर प्रशासन और बिहार सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. इन लावारिस शवों को लेकर उठ रहे सवालों पर ACS HOME ( अपर मुख्य सचिव ) चैतन्य प्रसाद ने आजतक को बताया है कि ये सभी लाशें उत्तर प्रदेश से ही गंगा नदी में डाली जा रही थीं. जो बहकर बिहार के बॉर्डर वाले जिला बक्सर के चौसा और महावीर घाट पर आकर रुक गईं थीं, जिसके बाद हड़कंप मचा.
इधर इस गंभीर मसले को लेकर बिहार सरकार के आदेश पर जांच शुरू हुई, चार स्तर पर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई है, बिहार के मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से बात की, बिहार गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने खुद UP के ACS HOME अपर मुख्य सचिव से बात की, जबकि DGP बिहार ने UP के DGP से बात की. वहीं इन सब के अलावा बक्सर में DM ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और बलिया के DM से बात कर इस पूरे मामले को समझा. गंगा नदी में लाशों को बहाने पर बिहार की तरफ से सख्त और कड़ी आपत्ति जताई गई है.
DGP बिहार संजीव कुमार सिंघल के मुताबिक इनके और ACS HOME की तरफ से UP के ACS HOME और वहां के DGP को हर हाल में अपने प्रदेश के सीमावर्ती जिलो में कोविड प्रोटोकॉल का पालन की बात कही गई है, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यह आश्वस्त किया गया है कि आगे ऐसा नहीं होगा, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा
अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और DGP संजीव कुमार सिंघल ने आजतक को बताया कहा कि बिहार के बक्सर जिला के रानीगंज के पास गंगा नदी में एक महाजाल लगाया गया है. जाल लगाने के बाद भी उसमें उत्तर प्रदेश की तरफ से बहकर 8 लाशें फंसी है, इससे पहले बक्सर SDM की जांच में कुल 71 लाशें मिली थी, जिनकी कल और आज पूरे विधि विधान के साथ अंत्येष्टि कर दी गई है.
हालांकि इससे पहले इन सभी शवों का बेसरा संरक्षित कर लिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इनका मिलान उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलो में रहने वाले लोगों के DNA जांच के दौरान जरूरत पड़ने पर की जा सके. ACS HOME चैतन्य प्रसाद ने आगे कहा ''इस मामले में अब जो भी कार्रवाई करनी है वो उत्तर प्रदेश की सरकार को करनी है, हमें उम्मीद है कि UP सरकार बहुत जल्द इस मामले में ठोस कारवाई करेगी.
रोहित कुमार सिंह