बिहार विधानसभा के 100 साल पूरे होने के मौके पर गुरुवार को विधानसभा परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए. मगर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. तेजस्वी ने बुधवार को ही ट्वीट करके बता दिया था कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि वह गुरुवार को कुशेश्वरस्थान में अपनी पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करेंगे जहां पर 30 अक्टूबर को चुनाव होने हैं.
तेजस्वी ने बुधवार रात को ट्वीट किया ''माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के बिहार आगमन पर पटना हवाई अड्डा पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. दरभंगा पहुंच चुका हूं. कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में पूर्व निर्धारित चुनावी कार्यक्रम और जन प्रतिबद्धता के चलते विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में अनुपस्थित रहूंगा.''
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पटना आगमन के दौरान बुधवार को तेजस्वी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे जिसके बाद वह कुशेश्वरस्थान के लिए निकल गए. मगर अब राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की वजह से तेजस्वी यादव अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. राज्यसभा सांसद और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला है और राष्ट्रपति कोविंद के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के उनके फैसले को दलित समाज से आने वाले व्यक्ति का अपमान बताया है.
राष्ट्रपति कोविंद दलित समाज से आते हैं और इसी वजह से सुशील मोदी ने ट्वीट करके लिखा ''उनकी गरिमा में उपस्थिति वाले समारोह में अनुपस्थित रहकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दलित समाज से आने वाले एक अति शालीन व्यक्ति का अपमान किया है. विनती सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे''.
दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड ने तेजस्वी के राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के बाद उन्हें भगोड़ा करार दे दिया है. जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा- ''शताब्दी समारोह से तेजस्वी नौ दो ग्यारह हो गए. उन्होंने फिर से स्थापित कर दिया कि तेजस्वी भगोड़ा है. जिस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के राष्ट्रपति आए हुए हैं उस कार्यक्रम में भी वह शामिल नहीं हुए.''
रोहित कुमार सिंह