बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक का विपक्ष कर रहा विरोध, जानें क्या है वजह

बिहार विधानसभा में 23 मार्च को पेश होने के लिए प्रस्तावित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध जारी है. शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बाद अब बाहर भी विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं.

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प्रस्तावित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध जारी (फाइल फोटो-PTI) प्रस्तावित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध जारी (फाइल फोटो-PTI)

सुजीत झा

  • पटना,
  • 20 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST
  • बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध
  • बिहार विधानसभा में 23 मार्च को पेश होगा ये बिल
  • इसके कानून बनने के बाद मजिस्ट्रेट वारंट जरूरी नहीं

बिहार विधानसभा में 23 मार्च को पेश होने के लिए प्रस्तावित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध जारी है. शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बाद अब बाहर भी विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. 

जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि इस कानून के बाद मजिस्ट्रेट से वारंट की जरूरत नहीं होगी. पुलिस ऐसे ही मनमाने ढंग से किसी के भी घर में घुस जाएगी. यह कानून बिहार के नागरिकों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित करने वाला होगा. बिहार सरकार तानाशाही रुख अख्तियार कर चुकी है. इस कानून के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जाएंगे और जन आंदोलन भी करेंगे. 

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विपक्ष कर रहा विरोध

पप्पू यादव ने कहा कि यदि नीतीश कुमार सही में महात्मा गांधी, लोहिया, जेपी और कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी हैं तो इस विधेयक को सदन में पेश होने से रोके. बिहार सरकार लगातार जन विरोधी कानून सदन ला रही है. लोगों को सोशल मीडिया पर लिखने, और आंदोलन करने पर रोक लगा रही है.

विधेयक में क्या है?

बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. बिहार में विशेष सश्स्त्र पुलिस बल को विशेष अधिकार देने के लिए सरकार इस विधेयक को ला रही है. बिहार का यह बल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर होगा जो बिहार में स्थित औद्योगिक इकाइयों, मेट्रो, एयरपोर्ट जैसी इकाइयों की सुरक्षा करेगा. नए प्रावधान में सीआईएसएफ की तर्ज विशेष सशस्त्र बल को तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार होगा. ये केवल औद्योगिक इकाइयों के लिए है होगा. समान्य पुलिस को ये अधिकार नही होंगे लेकिन विपक्ष इसे काला कानून बताकर हंगामा कर रहा है.

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बिहार पुलिस आयोग की रिपोर्ट

बिहार की सीमाएं 3 राज्यों के साथ लगती हैं. साथ ही नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा भी जुड़ी हुई है. सरकार की तरफ से बताया गया कि बिहार की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित, कुशल प्रशिक्षित और पूर्णता सुसज्जित सशस्त्र पुलिस बल की बेहद जरूरत है. बिहार पुलिस आयोग ने भी 23 मार्च 1961 को अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि बिहार सैन्य पुलिस को बंगाल पुलिस अधिनियम 1892 में अपेक्षित संशोधन कर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के रूप में पुर्ननामांकित किया जा सकता है.


 

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