एक मंच पर आए नीतीश कुमार और मोहन भागवत, पर वक्त था अलग-अलग

लगभग दो घंटे बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत भी सम्मेलन में हिस्सा लेने उसी मंच पर पहुंचे. नीतीश कुमार ने पहले बीजेपी का साथ छोड़ा था तब उन्होंने संघमुक्त भारत की बात कही थी, लेकिन आज फिर वो बीजेपी के साथ है ऐसे में खबर भी यही बनी की संघ प्रमुख और नीतीश कुमार एक ही कार्यक्रम में जा रहें है भले ही उनका समय अलग अलग हो.

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नीतीश कुमार और मोहन भागवत. नीतीश कुमार और मोहन भागवत.

आदित्य बिड़वई / सुजीत झा

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  • 04 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:44 PM IST

भोजपुर का आरा शहर इन दिनों आस्था का केन्द्र बना हुआ है. इस आस्था में डूबकी लगाने देश-विदेश के संत और महात्मा तो पहुंचे हुए है ही साथ ही राजनैतिक दल के नेता भी इस मंच का उपयोग अपने-अपने विचारों को रखने के लिए कर रहें हैं. इसी कड़ी में  नीतीश कुमार भी आरा में हो रहे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ और अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे और मंच से लाखों लोगों के समक्ष अपनी बाते रखी.

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उनके जाने के लगभग दो घंटे बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत भी सम्मेलन में हिस्सा लेने उसी मंच पर पहुंचे. नीतीश कुमार ने पहले बीजेपी का साथ छोड़ा था तब उन्होंने संघमुक्त भारत की बात कही थी, लेकिन आज फिर वो बीजेपी के साथ है ऐसे में खबर भी यही बनी की संघ प्रमुख और नीतीश कुमार एक ही कार्यक्रम में जा रहें है भले ही उनका समय अलग अलग हो.

पर कार्यक्रम में कोई राजनीति नहीं हुई. दोनों नेताओं ने कोई ऐसी बात ही नहीं की राजनीति को हवा लगे. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि केवल देश को स्वच्छ करने से कुछ नहीं होता मन को भी स्वच्छ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि धर्म का पालन करना हमारा कर्तव्य है कुछ पुरानी परंपराओं को लेकर चलने की जरूरत है तो कुछ रूढिवादी परम्पराओं को त्याग करना चाहिए. लोगों का परोपरकार कैसे हो इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

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नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की जनसंख्या 12 करोड़ है और इस महायज्ञ में एक करोड़ श्रद्धालु आए यह ताज्जुब की बात है.  सीएम ने कहा श्री रामानुजाचार्य जी महाराज ने 1000 साल पहले जो संदेश दिया था उनका यह संदेश 1000 साल बाद इतने लाखों लोगों तक पहुंचा. यह कोई साधारण बात नहीं है. श्री रामानुजाचार्य जी महाराज ने 1000 साल पहले जो अपनी भक्ति से अपने ज्ञान से अर्जुन गुरु शिष्य परंपरा शुरू हुई उसमें रामानुजाचार्य जी महाराज भी हुए और उसी शिष्य परंपरा में हुए सूरदास और कबीर दास जी.

बता दें कि महायज्ञ का आयोजन श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने किया था. इस महायज्ञ में 1008 हवन कुंड बनाए गए थे, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दिन रात हवन होता रहा है. स्वामी जी चार महीने से यहां प्रवाह पर थे. यज्ञ का आयोजन पिछले 10 दिनों से चल रहा है. गुरूवार पूर्णिमा को इसकी पूर्णाहुति है.

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