बिहार: विवाद के बीच मेवालाल ने संभाला शिक्षा मंत्री का पदभार, भ्रष्टाचार पर बोले...

मेवालाल चौधरी पदभार ग्रहण करने के बाद आक्रमक मूड में दिखे और धमकी दी कि वह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ 50 करोड़ का मुकदमा दायर करेंगे.

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भ्रष्टाचार के आरोप पर बोले शिक्षा मंत्री मेवालाल, मानहानि का करेंगे केस (फाइल फोटो) भ्रष्टाचार के आरोप पर बोले शिक्षा मंत्री मेवालाल, मानहानि का करेंगे केस (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 19 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST
  • शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने संभाला पदभार
  • मेवालाल पर भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर साध रहे निशाना
  • शिक्षा मंत्री बोले, तेजस्वी के खिलाफ करूंगा मानहानि का केस

नीतीश कुमार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को भारी हंगामे के बीच शिक्षा विभाग का पदभार संभाला. आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पिछले 2 दिनों से लगातार मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर और उनकी पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में मेवालाल की कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही है. मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी 27 मई 2019 को अपने आवास पर बुरी तरह से जल गई थीं. 2 जून 2019 को उनकी मौत हो गई थी.

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वहीं मेवालाल चौधरी पदभार ग्रहण करने के बाद आक्रमक मूड में दिखे और धमकी दी कि वह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ 50 करोड़ का मुकदमा दायर करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी की मौत के मामले में जिस तरीके से आरोप लगाए जा रहे हैं उसको लेकर मैं तेजस्वी को कानूनी नोटिस भेजूंगा और 50 करोड़ का मानहानि का मुकदमा भी करूंगा. 

शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने कहा, 'मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. ऐसा व्यक्ति जो खुद आरोपी है, जेल के दरवाजे पर खड़ा है और दूसरा जेल के अंदर है. अगर ऐसे लोग मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं तो मेरे पास बोलने के लिए फिर कुछ नहीं है.'

नीतीश कुमार ने जब से मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाया है और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है तब से वह लगातार विवादों में बने हुए हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव मेवालाल को लेकर पिछले 2 दिनों से लगातार ट्वीट कर रहे हैं और नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपी को शिक्षा मंत्री बनाया है.

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क्या है आरोप?

दरअसल, 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपले बाजी करने का आरोप है. उनके ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की. इस मामले को लेकर उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज है.

तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है. 

हालांकि इस बारे में बात करते हुए मेवालाल चौधरी ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई चार्जशीट दायर नहीं हुई है ना ही मेरे खिलाफ कोर्ट की तरफ से आरोप सिद्ध हुआ है. मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं.

 

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