बिहार : महिला का आरोप- 'प्रत्याशी की बांटी शराब पीने के बाद बिगड़ी थी पति की तबीयत'

छपरा जिले के परसा नगर पंचायत वार्ड 10 से प्रत्याशी द्वारा फ्री शराब पिलाए जानी की बात सामने आई है. परसा के रहने वाले व्यक्ति की जान जहरीली शराब पीने के कारण गई थी. उसकी पत्नी का कहना है कि प्रत्याशी समर्थक ने शराब पिलाई थी, जिसके बाद पति की तबीयत बिगड़ी थी.

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छपरा में जहरीली शराब के चलते मरने वालों का आंकड़ा 80 हुआ. छपरा में जहरीली शराब के चलते मरने वालों का आंकड़ा 80 हुआ.

संदीप आनंद

  • हाजीपुर/छपरा,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST

बिहार के जहरीली शराब कांड को लेकर बड़ा बात सामने आई है. बिहार में निकाय चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग है. वोटर्स को लुभाने के लिए परसा नगर पंचायत वार्ड 10 से प्रत्याशी ने लोगों को फ्री में शराब पिलाई थी. इसके बाद लोगों की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई थी. बीमार लोगों को इलाज के लिए प्रत्याशी समर्थक का धर्मेंद्र राय अपनी गाड़ी से हाजीपुर अस्पताल में लेकर आया था.

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मगर, इलाज के दौरान लोगों ने दम तोड़ना शुरू कर दिया था. जान गंवाने वाले परसा पंचायत के रहने वाले मृतक की पत्नी और शराब पीने से बीमार हुए व्यक्ति ने प्रत्याशी द्वारा उपलब्ध कराई गई शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ने की बात भी कही थी.

गौरतलब है कि छपरा जिले में जहरीली शराब के चलते हुई मौतों का आंकड़ा अब 80 हो गया है. छपरा के अलावा सारण, सिवान और बेगूसराय में भी शराब के चलते मौतें हुई हैं. जहरीली शराब मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है.

पुलिस की नजरों से बचकर पहुंचे थे इलाज कराने

जहरीली शराब से मौत होने का खुलासा तब हुआ था जब 16-17 दिसंबर की रात सारण के परसा के ग्रामीण पुलिस की नजर से बचकर इलाज कराने हाजीपुर पहुंचे थे. परसा पोझी में जहरीली शराब से बीमार हुए कई लोग हाजीपुर के निजी अस्पताल में मिले, जहां इलाज के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई थी. खुलासा हुआ की सभी ने स्थानीय निकाय चुनाव के प्रत्यासी की शराब पार्टी में शराब पी थी, जिसके बाद सभी की तबीयत बिगड़ी थी.

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मृतक की पत्नी का आरोप

जहरीली शराब के कारण जान गंवाने वाले दामोदर  राय की पत्नी ने आरोप लगाया कि, वोट के लिए पति को शराब पिलाई गई थी. अब उनकी मौत हो गई है. अब हमारे चार बच्चों को कौन पालेगा. 

वहीं, जहरीली शराब पिने वाला बीमार अजीत राय का कहा कि जैनर राय के साथ रैली में जाना था, वहां शराब का कार्टून रखा हुआ था. थोड़ी शराब हमने भी पी ली थी. 

प्रत्याशी की बांटी गई शराब के बाद बिगड़ी थी तबीयत.

पुलिस के पहुंचने पर भागा था प्रत्याशी समर्थक

जह हाजीपुर पुलिस छपरा के जहरीली शराब से बीमार लोगों की पड़ताल करने अस्पताल पहुंची थी तो प्रत्याशी समर्थक चुपके भाग निकला था. बाद में डेरनी थाने के एसएचओ के वापस अस्पताल आया. वैशाली पुलिस की सुचना पर सारण से हाजीपुर पहुंचे स्थानीय डेरनी थाने के एसएचओ सरकारी गाड़ी के बजाय नेता की गाड़ी से आए थे.

प्रत्याशी समर्थक धर्मेंद्र राय.


मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित

जहरीली शराब मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. इसमें 31 पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है. इसमें तीन डीएसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं. सारण के डीएम राजेश मीणा ने कहा कि पिछले 48 घंटों में जिले भर में छापेमारी कर 126 शराब व्यापारियों को पकड़ा गया है. 4000 लीटर से ज्यादा अवैध शराब भी जब्त की गई है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार की बात भी सामने आई है.

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चिराग पासवान का दावा - 200 से ज्यादा मौत

जहरीली शराब से हो रही मौत के मामले में  लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो और सांसद चिराग पासवान ने  कहा है कि - 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सच को दबाया जा रहा है. बिना पोस्टमॉर्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिवार पर दबाव बनाते हुए कहा जा रहा है कि यह मत कहो कि शराब से मौत हुई है, नहीं तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. सीएम की चुप्पी भ्रष्ट अधिकारियों का बचाव कर रही है.

सीएम ने कहा- नहीं मिलेगा मुआवजा

जहरीली शराब पीने से मरने वालों में छपरा के अलावा सारण, सिवान और बेगूसराय के लोग भी शामिल है. विपक्ष लगातार मृतकों के परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहा है. वहीं, बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि ''शराब पियोगे तो मरोगे''. उन्होंने कहा है कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.

सीतामढ़ी में फूंका गया सीएम नीतीश का पुतला

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छपरा जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों के खिलाफ बीजेपी ने सीतामढ़ी में सीएम का पुतला दहन किया. शहर वीर कुंवर सिंह चौक पर पुतला दहन भाजपा जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह के नेतृत्व किया गया. भाजपा का आरोप है कि बिहार में शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर है और बड़े पैमाने पर जहरीली शराब का प्रयोग हो रहा है, जिससे निर्दोष और असहाय लोगों की मौत हो रही है, लेकिन मुख्यमंत्री मौन है और महागठबंधन के नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.

 

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