बिहार: कैमूर में हिरण का मांस बेच रहे थे तस्कर, एक गिरफ्तार और तीन हुए फरार

हिरण का मांस बाजार में काफी महंगा बिकता है लेकिन उसका शिकार करना या फिर उसे मारना अपराध है. कैमूर में अत्यधिक वन क्षेत्र होने की वजह से वहां जंगलों में हिरण पाए जाते हैं जो तस्कर के निशाने पर रहते हैं.

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वन विभाग के हत्थे चढ़ा तस्कर वन विभाग के हत्थे चढ़ा तस्कर

रंजन कुमार त्रिगुण

  • कैमूर,
  • 20 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST
  • कैमूर में वन विभाग के हत्थे चढ़ा हिरण तस्कर
  • दो किलो हिरण के मांस के साथ तस्कर गिरफ्तार

बिहार के कैमूर में वन विभाग ने दो किलो हिरण के मांस और बंदूक के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया है. वन विभाग की टीम ने अधौरा थाना क्षेत्र के डुमरांवा गांव में कार्रवाई करते हुए हिरण और उसके मांस के तस्करों को पकड़ा है. अब हिरण के मांस को वन विभाग जांच के लिए देहरादून के डब्लू आई आई (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) भेजेगा. 

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हिरण के मांस की तस्करी को लेकर वन विभाग के अधिकारी राजकुमार ने बताया कि टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि डुमरावां सुरक्षित वन क्षेत्र से प्रतिबंधित चीतल हिरण को मार कर उसके मांस को बेचने ले जाया जा रहा है.

इस सूचना पर अधौरा वन निबंध पाल ऋषिकेश के नेतृत्व में तत्काल एक टीम गठित कर डुमरांवा के जंगल में छापेमारी की गई और इसी दौरान तस्कर को गिरफ्तार किया गया. 

हालांकि  वन विभाग की टीम को देखकर चार तस्कर भागने में सफल रहे. गिरफ्तार तस्कर डुमरांवा गांव का ही निवासी कांता यादव है. गिरफ्तार तस्कर के पास मारे गए हिरण के दो किलो मांस के साथ एक देसी बंदूक बरामद की गई है. 

वहीं फरार तस्करों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल एक तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है. चितल हिरण के मांस के टुकड़े को देहरादून डब्लू आई आई में जांच के लिए भेजा जाएगा.

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जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अधिकारी ने बताया कि तस्करों के द्वारा एक कोड भाषा का इस्तेमाल किया जाता था, जिस कोड भाषा को पकड़कर वन विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर ये कार्रवाई की.

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