विवाद के बाद अब मोदी के मंत्री अठावले को भी नहीं रहा CBI पर भरोसा

सीबीआई के अंदर चल रहे घमासान के बीच मोदी सरकार के मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि उन्‍हें मुख्‍य जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं रह गया है.

Advertisement
रामदा अठावले (फोटो-रोहित सिंह ) रामदा अठावले (फोटो-रोहित सिंह )

दीपक कुमार / रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 25 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

सीबीआई में पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने एक बड़ा बयान दिया है. अठावले ने कहा है कि उन्हें इस विवाद के बाद अब जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं रहा.  गुरुवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने पटना पहुंचे रामदास अठावले ने आज तक से खास बातचीत के दौरान ये बात कही.

Advertisement

संस्थान की छवि धूमिल हुई

अठावले ने कहा कि सीबीआई के 2 बड़े अधिकारियों के बीच झगड़े की वजह से इस संस्थान की छवि धूमिल हो गई है. उन्होंने कहा कि सीबीआई को लेकर जो विवाद चल रहा है वह सही नहीं है. मोदी सरकार का बचाव करते हुए रामदास अठावले ने कहा कि इस विवाद से केंद्र सरकार का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सीबीआई की साख दोबारा स्थापित करने के लिए कड़े कदम उठा रही है.

 गरिमा वापस स्थापित करने का हो रहा प्रयास

अठावले ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को हटाकर नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करके इस संस्थान की गरिमा को वापस स्थापित करने का प्रयास किया है. अठावले ने माना कि राकेश अस्थाना के ऊपर घूस लेने का आरोप बेहद गंभीर मामला है. लेकिन सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा के द्वारा अस्थाना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना सही नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सीबीआई में जो नए निदेशक और अधिकारियों की नियुक्ति हुई है वह इस बात का ख्याल रखेंगे कि अपने साथी अधिकारियों पर किसी प्रकार के आरोप ना लगाएं.

सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए

Advertisement

वहीं एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्णों की नाराजगी को लेकर रामदास अठावले ने कहा कि सवर्णों को भी उनकी आर्थिक आधार पर 20% से 25% तक आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से अपील की कि वह जल्द इस बाबत संसद में बिल लेकर आए और पास करवाए. अठावले ने देश में बढ़ते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होना बेहद जरूरी है. उन्होंने इस बात की भी वकालत की कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे के अंदर लाया जाना चाहिए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement