'... युवराज को मालूम है बिहार में कितनी जातियां?', जातिगत जनगणना को लेकर तेजस्वी पर पप्पू यादव का वार

जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव को ये मालूम है कि बिहार में कितनी जातियां हैं?

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पप्पू यादव (फाइल फोटो) पप्पू यादव (फाइल फोटो)

राजेश कुमार झा

  • पटना,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:22 AM IST
  • पप्पू यादव ने विपक्ष के साथ सरकार को भी घेरा
  • कहा- तेजस्वी को पता हैं 4-5 दबंग जातियां

बिहार में इन दिनों जातिगत जनगणना को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने सर्वदलीय बैठक के बाद जातिगत जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सीएम नीतीश की कैबिनेट से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पारित होने के बाद छिड़े सियासी संग्राम में अब जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की भी एंट्री हो गई है.

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पप्पू यादव ने गुरुवार को राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का युवराज बताया और जातिगत जनगणना के मुद्दे पर जमकर घेरा. उन्होंने सरकार पर भी सवाल उठाए.

पप्पू यादव ने कहा की आरजेडी के युवराज को मालूम है कि बिहार में कितनी जातियां हैं. वे बताएं कि बिहार में कितनी जातियां हैं. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि बिहार में कुल 260 जातियां हैं लेकिन उन्हें बस चार-पांच दबंग जातियों की ही जानकारी है. पप्पू यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव के अनुसार तो बिहार में पांच या छह जातियां ही हैं.

उन्होंने कहा कि जिन्हें जातियों की जानकारी नहीं है, वे जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. पप्पू यादव ने सरकार को भी घेरा और बिहार के बंटवारे की भी चर्चा की. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जो लोग पलायन कर गए हैं, क्या उन्हें बुलाया जाएगा? जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के बंटवारे में तीनों पार्टियों का हाथ है. जो लोग बंटवारे में चले गए, क्या उनकी भी गणना कराई जाएगी.

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल लंबे समय से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग कर रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और अन्य दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भी गया था और केंद्र सरकार के सामने ये मांग रखी थी. हालांकि, तब केंद्र ने ये साफ कर दिया था कि जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी.

 

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