बिहार में होने वाला पंचायत चुनाव हाईटेक होगा. पंचायत चुनाव के दौरान फर्जी मतदान रोकने के लिए अब मतदाताओं का बायोमिट्रिक सत्यापन होगा. इसके लिए हर बूथ पर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से एक तकनीकी अधिकारी टैबलेट के साथ होगा. वह निर्धारित फॉर्मेट में हरएक मतदाता के पहचान पत्र सहित अन्य जानकारियों के साथ उनकी मतदाता पर्ची की फोटो और अंगूठे की छाप भी लेगा ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि एक ही मतदाता किसी और बूथ या बूथों पर जाकर फर्जी वोट न डाल पाए.
इसके बावजूद फर्जी वोटिंग करते पकड़े जाने पर बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई होगी. मतदाता वैकल्पिक पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड साथ लेकर मतदान करने आता है तो सत्यापन और जल्दी होगा. हरएक टेबलेट में उस बूथ की वोटर लिस्ट भी दर्ज होगी. बस संबंधित बूथ की लिस्ट डाउनलोड करनी होगी और सत्यापन शुरू किया जा सकेगा. सत्यापन संबंधित डाटा क्लाउड और होस्टेड केंद्रीय सर्वर पर होने से मतदाता उस इलाके में किसी भी मतदान केंद्र पर दोबारा वोट डालने की नीयत से जाएगा तो उसकी पोल खुल जाएगी.
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इसके अलावा यदि किसी मतदान केंद्र पर इंटरनेट सेवा बाधित होगी और वोट डालकर चला गया मतदाता दोबारा आएगा तब डुप्लीकेट के रूप में उसके अंगुली की छाप आ जाएगी. टेबलेट के जरिए हर दो घंटे बाद रियल टाइम अपडेट भी आयोग को मिलता रहेगा. यानी मतदाता टर्न आउट और अन्य जानकारियां और आंकड़े भी.
ये टैब ब्रॉडकास्ट इंजिनियरिंग कांसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड यानी BECIL की विशेषज्ञ टीम ने विकसित की है. नियमावली के मुताबिक टैब वाले साहब मतदान पूरा होने पर पूरी टीम के साथ उसी वाहन से प्रखंड मुख्यालय में आएंगे. वहां डाटा सिंक होने और मशीन के डाटा से मिलान होने के बाद वो मशीन BECIL के अधिकारी को सौंपने के बाद ही फारिग हो सकेंगे.
संजय शर्मा