नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, पटना में 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन बैन

बिहार सरकार ने पटना में 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों के परिचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा के परिचालन पर भी 31 जनवरी 2021 से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.

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फाइल फोटो (Courtesy- ANI) फाइल फोटो (Courtesy- ANI)

सुजीत झा

  • पटना,
  • 06 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST

  • ऑटो को डीजल से CNG में कंवर्ट कराने के लिए 2021 तक का समय
  • नीतीश सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों की नीलामी पर भी लगाया बैन
बिहार की नीतीश सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटना शहर में 15 वर्ष पुराने व्यावसायिक वाहनों के परिचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इसके साथ ही सरकार ने पटना और आसपास के इलाकों में डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा के परिचालन पर 31 जनवरी 2021 से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. ऐसे करीब 10 हजार चालकों को अपने ऑटो को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट कराने के लिए ये समय दिया है. नीतीश सरकार इसके लिए 30 करोड़ रुपये सब्सिडी पर खर्च करेगी.

बिहार सरकार के परिवहन विभाग के प्रधान सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जिसमें वायु प्रदूषण के लिए ऐसे फैसले लिए हैं. अब तक सरकारें कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों पर ऐसे फैसले लेती आई हैं.

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संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने बिहार में 15 साल पुरानी सभी सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. प्रशासन और पुलिस की सभी 15 साल पुरानी गाड़ियां अब सड़कों पर नहीं दिखेंगी. सरकार ने इन वाहनों की नीलामी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है यानी ये गाड़ियां अब सीधे स्क्रैप की जाएंगी. वहीं सरकार ने 15 वर्ष पुराने निजी वाहन के मालिकों को राहत देते हुए निर्देश दिया है कि वे वाहन का फिटनेस टेस्ट कराकर परिचालन कर सकते हैं यानी समय-समय पर प्रदूषण जांच के साथ-साथ फिटनेस टेस्ट कराकर निजी वाहनों को चलाया जा सकता हैं.

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव संजय अग्रवाल का कहना है कि ये फैसले सरकार ने पटना में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखते हुए किए हैं. इसकी पटना से शुरुआत की गई है और इसको धीरे-धीरे पूरे बिहार में लागू किया जाएगा.

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पटना में प्रदूषण खतरनाक स्तर को पार कर रहा है. पटना देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में आ गया है. ऐसे में अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति भयावह हो सकती है. हालांकि बिहार के कई जिले और शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. मुजफ्फरपुर में भी प्रदूषण का स्तर बेहद खतनाक स्तर है, तो गया की हालत भी कुछ अच्छी नहीं हैं. ऐसे में सरकार को इन फैसलों को केवल पटना तक सीमित न कर पूरे बिहार में लागू करना चाहिए.

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