बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए यौन शोषण की शर्मनाक घटना से पूरे देश में प्रदेश की बदनामी हुई है. इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने एक नया प्रस्ताव तैयार किया हैं. अब बिहार सरकार मल्टी जेनरेशनल काॅन्सेप्ट के तहत महिला-पुरुष सुधारगृह एक ही परिसर से संचालित करेगी.
समाज कल्याण विभाग के तहत बड़े परिसर में महिला-पुरूष सहित सभी तरह के शेल्टर होम संचालित किए जाएंगे. शुरुआत में सभी प्रमंडलों में इस नए कॉन्सेप्ट पर काम किया जाएगा.
जब बालिका कांड सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की थी, लेकिन विभाग को प्रस्ताव बनाने में ढाई महीने लग गए.
अब तक समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी तरह के शेल्टर होम किराये के भवन में चलते थे, लेकिन सरकार ने अब फैसला किया है कि सभी तरह के शेल्टर होम के लिए अब एक ही परिसर होगा. इससे इनकी सुरक्षा में आसानी होगी.
समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि दुनिया के कई देशों में मल्टी जेनरेशनल कॉन्सेप्ट अपनाया गया है. जिसमें एक ही परिसर में महिला, पुरुष, बालक, बालिका शेल्टर होम चलाए जाते हैं. इसी तर्ज पर बिहार में भी इसे लागू करने की योजना बनाई गई है.
समाज कल्याण विभाग हर जिले में 5 एकड़ के प्लॉट पर संस्थागत व्यवस्था करेगी. इसके तहत शिशु गृह, बाल सुधार गृह, बालिका गृह, महिला अल्पावास गृह, स्वाधार गृह, रेप पीडितों के लिए उज्जवला योजना, दिव्यांगजन, अतिनिर्धन वर्ग के लिए गृह होंगे.
सरकार अपने स्तर पर इस योजना पर काम करेगी. इसके लिए 28 जिलों से 5-5 एकड़ जमीन का प्रस्ताव मिल गया है. विभाग की ये भी कोशिश होगी कि कम-से-कम इस वित्तीय वर्ष में सभी प्रमंडल में ये काम शुरू हो जाए. शुरुआत में रिटायर्ड कर्मियों को सेवा में लिया जाएगा, इसके बाद नियमित बहालियां की जाएंगी.
सचिव अतुल कुमार ने बताया की जांच रिपोर्ट में जिन अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी की रिपोर्ट आई थी, उनपर कार्रवाई की गई है. अब तक कुल 19 अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की जा रही है. हालांकि, विभाग के किसी बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नही हुई है.
राहुल झारिया / सुजीत झा