बिहार: पटना में गंगा के बढ़े जलस्तर से कई गांवों का संपर्क टूटा, नाव के जरिए आवागमन

पटना के नासरीगंज घाट पर पटना से दियारा इलाके को जोड़ने के लिए बड़े-बड़े निजी नाव का आवागमन जारी है. इन नावों पर आम लोगों के साथ-साथ मोटरसाइकिल, साइकिल लादकर दियारा क्षेत्र में पहुंचाई जा रही है.

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Patna: Water Level Continues to Rise in Ganga Patna: Water Level Continues to Rise in Ganga

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 22 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण पटना के दियारा इलाके के कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. गंगा में हो रही जल वृद्धि के कारण जिला प्रशासन ने पीपा पुल को बंद कर दिया है जिसके कारण अब दियारा के इलाकों में रहने वाले लोगों को पटना ले जाने के लिए केवल नाव का ही सहारा बचा है.

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दियारा इलाके में रहने वाले लोगों को किस प्रकार से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए आजतक की टीम मंगलवार को पटना के नासरीगंज घाट पर पहुंची. नासरीगंज घाट पर पटना से दियारा इलाके को जोड़ने के लिए बड़े-बड़े निजी नाव का आवागमन जारी है. इन नावों पर आम लोगों के साथ-साथ मोटरसाइकिल, साइकिल लादकर दियारा क्षेत्र में पहुंचाई जा रही है.

नाव पर आम लोगों के साथ दो चक्का वाहनों को एक तरफ से दूसरी तरफ पहुंचाने के लिए अलग से पैसे लिए जाते हैं. नदी में नाव पर दो चक्का वाहन को लादकर एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाना भी काफी जोखिम का काम है, मगर इसके बावजूद भी लोगों को यह करना पड़ता है क्योंकि दियारा इलाके में रहने वाले लोगों को पटना से जोड़ने का सभी संपर्क मार्ग खत्म हो चुका है.

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इसी प्रकार दियारा इलाके में भी गंगा का पानी घुसता जा रहा है और इस खतरे को देखते हुए आम लोगों ने खाने-पीने की चीजों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. दियारा इलाके में जिन लोगों की छोटी दुकानें हैं वह पटना से नाव के सहारे बिस्किट, नमक, तेल और साबुन जैसी बुनियादी जरूरतों की चीजों का भंडारण शुरू कर चुके हैं. ताकि जब 3-4 महीने दियारा का संपर्क पटना से कटा रहेगा तो उस दौरान वहां के स्थानीय लोगों को खाने-पीने की दिक्कत ना हो.

दियारा इलाके में परचून की दुकान चलाने वाले धर्मेंद्र कुमार ने कहा, 'हमलोगों को हर साल इस तरीके की परेशानी झेलनी पड़ती है और इसी को लेकर हम लोग तैयारी कर रहे हैं. बाढ़ के कारण 3-4 महीने हमारे गांव का संपर्क पटना से कटा रहता है और इसीलिए खाने-पीने की चीजों का हमलोग भंडारण कर रहे हैं.
 

 

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