How Black Raisins Strengthen Bones: यूं तो ड्राई फ्रूट्स सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो आपकी हड्डियों को अंदर से मजबूत बनाते हैं. इन्हीं में से एक है काली किशमिश है, जो दिखने में भले ही छोटी लगे, लेकिन इसके फायदे बड़े कमाल के होते हैं. जबीब के नाम से जानी जाने वाली ये काली किशमिश स्वाद में मीठी और पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड है. इसमें मौजूद कैल्शियम, बोरॉन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी हड्डियों को मजबूत करने, जोड़ों को फ्लेक्सिबल बनाए रखने और शरीर को एक्टिव रखने में मदद करते हैं.
तो अगली बार जब कुछ मीठा खाने का मन करे, तो एक मुट्ठी काली किशमिश खा लीजिए स्वाद भी मिलेगा और हड्डियां भी हेल्दी और स्ट्रॉन्ग रहेंगी. कैसे? किसी तरह खाने से? ये सवाल आपके मन में जरूर उठेंगे अगर हां तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि काली किशमिश को किस तरह खाने से आपकी हड्डियां मजबूत बनेंगी.
क्यों जरूरी है हड्डियों की हेल्थ?
हमारी हड्डियां सिर्फ शरीर को सहारा देने के लिए नहीं होतीं ये हमारे अंगों की सुरक्षा करती हैं, कैल्शियम जैसे जरूरी मिनरल्स को जमा रखती हैं और हमें चलने-फिरने की ताकत देती हैं. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ, खासकर 30 साल के बाद, हड्डियों की मजबूती घटने लगती है. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ये समस्या और बढ़ जाती है क्योंकि शरीर में कैल्शियम कम होने लगता है. ऐसे में खाने में ऐसी चीजें शामिल करना जरूरी हो जाता है जो हड्डियों को अंदर से मजबूत करें और काली किशमिश इसमें मददगार साबित हो सकती है.
हड्डियों के लिए क्यों फायदेमंद है काली किशमिश?
काली किशमिश में हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों की भरमार होती है. इनमें पाया जाने वाला बोरॉन नामक मिनरल हड्डियों के बढ़ाव और उनकी देखभाल में अहम भूमिका निभाता है, खासकर महिलाओं के लिए. एक छोटी सी मुट्ठी (करीब 30 ग्राम) काली किशमिश में कैल्शियम, बोरॉन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. इन सब पोषक तत्वों की वजह से काली किशमिश हड्डियों और जोड़ों के लिए एक नेचुरल सप्लीमेंट की तरह काम करती है.
इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूती देता है और उन्हें कमजोर होने से बचाता है. बोरॉन शरीर को कैल्शियम को बेहतर तरीके से अब्सॉर्ब करने में मदद करता है, जिससे हड्डियों की डेंसिटी बनी रहती है. पोटेशियम शरीर में एसिडिटी को कम करता है, क्योंकि ज्यादा एसिडिटी हड्डियों से कैल्शियम का रिसाव कर सकती है. वहीं मैग्नीशियम कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के स्ट्रकचर को मजबूत बनाता है. इसके अलावा, आयरन और कॉपर कोलेजन बनाने में मदद करते हैं यही प्रोटीन जोड़ों को फ्लेक्सिबल और हेल्दी रखता है. काली किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हड्डियों को सूजन और डैमेज से बचाते हैं, जिससे हड्डियां लंबे समय तक मजबूत और एक्टिव बनी रहती हैं.
काली किशमिश के फायदे
1. कैल्शियम का अच्छा सोर्स: काली किशमिश कैल्शियम से भरपूर होती है, जो हड्डियों की मजबूती बनाए रखता है और उम्र के साथ कमजोरी आने से रोकता है.
2. बोरॉन से भरपूर: ये मिनरल शरीर को कैल्शियम और मैग्नीशियम सही तरीके से अब्सॉर्ब करने में मदद करता है और हड्डियों के टूटने से बचाता है.
3. कोलेजन बढ़ाने में मददगार: काली किशमिश में मौजूद कॉपर और आयरन कोलेजन बनाते हैं, जिससे हड्डियां फ्लेक्सिबल रहती हैं और जोड़ों में दर्द कम होता है.
4. सूजन से बचाव: इसमें मौजूद रेस्वेराट्रोल और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स हड्डियों को सूजन और तनाव से बचाते हैं.
5. मिनरल्स का बैलेंस बनाए रखे: पोटेशियम और मैग्नीशियम शरीर का पीएच लेवल को बैलेंस रखते हैं और कैल्शियम की हानि को रोकते हैं, जिससे हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं.
कैसे खाएं काली किशमिश?
1. रोजाना 8–10 काली किशमिश नाश्ते में खाएं.
2. इन्हें रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाना और भी फायदेमंद होता है.
3. आप इन्हें ओट्स, दही, स्मूदी या सलाद में भी मिला सकते हैं.
4. मिठाइयों में चीनी की जगह इनका इस्तेमाल करें स्वाद भी बढ़ेगा और सेहत भी.
आजतक हेल्थ डेस्क