Weight loss injection: डायबिटीज के मरीजों के लिए बनाई गई दवाएं मौनजारो (Mounjaro) और वेगोवी (Wegovy) तेजी से वजन घटाने की वजह से दुनियाभर में फेमस हो चुकी हैं. भारत में भी ये दवाएं मौजूद हैं और आधिकारिक लॉन्च होने के बाद से इंडिया में भी काफी लोग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं जिनमें मतली, कब्ज, थकान जैसे लक्षण शामिल हैं. ब्रिटेन में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जीएलपी-1 दवाओं से सेक्स ड्राइव में कमी आती है. डॉक्टर्स का कहना है कि यह कमी सिर्फ कब्ज या थकान के कारण से नहीं होती बल्कि दिमाग में होने वाले कैमिकल चैंजेज के कारण होती है. जीएलपी-1 दवाएं उन्हें कहते हैं जो बॉडी के नेचुरल हार्मोन 'ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1' (GLP-1) की तरह काम करती हैं जो भूख और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं.
डेली मेल के मुताबिक, ये इंजेक्शन GLP-1 नामक हार्मोन की नकल करते हैं जो खाने के बाद शरीर में रिलीज होता है. ये हार्मोन भूख को कम करता है और हमारी इच्छा, मूड और मोटिवेशन को कंट्रोल करने वाले डोपामाइन को भी प्रभावित करता है.
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डॉ. रायन सुल्तान का कहना है, 'सेक्स और खाने की इच्छा, दोनों ही हमारे दिमाग के एक जैसे न्यूरॉनल नेटवर्क से जुड़े होते हैं. जब हम GLP-1 दवाइयां लेते हैं तो हम दिमाग की उन प्रोसेस को धीमा कर देते हैं जो खाने या सेक्स जैसी जरूरतों को ट्रिगर करते हैं. यानी आपका वजन को कम होता है लेकिन लिबिडो में भी कमी देखी जाती है.'
ईडन वेट लॉस क्लिनिक की डॉक्टर ब्रॉनविन होम्स का कहना है, 'ये दवाएं डोपामाइन सिग्नल्स को कमजोर करती हैं जिससे न खाने की क्रेविंग तो कम होती ही है साथ ही साथ मूड और इंटिमेसी जैसी फीलिंग्स पर भी कम होती है. हालांकि ये दवा बंद करने पर अधिकतर मामलों में पहले जैसी स्थिति हो सकती है.'
ये दवाएं न सिर्फ भूख को तो दबाती ही हैं जिससे भूख कम लगती है और पेट भरा हुआ लगता है लेकिन साथ ही साथ ये दवाएं दिमाग के निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती हैं जिससे कभी-कभी मूड स्विंग भी देखने मिलते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग इन दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं.
आजतक हेल्थ डेस्क