दिमाग में 'नसों का गुच्छा' बनाने वाली बीमारी से पीड़ित सलमान खान! जानें लक्षण और इलाज

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान ने हाल ही में अपनी 3 बीमारियों का जिक्र किया है जिसमें से एक आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन (Arteriovenous malformation) भी है. तो आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी और ये कितनी खतरनाक है.

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सलमान खान ने हाल ही में बताया है कि वो 3 गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. सलमान खान ने हाल ही में बताया है कि वो 3 गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं.

दीपिका नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

Salman khan arteriovenous malformation disease: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान ने हाल ही में खुलासा किया है कि वह 3 बीमारियों से जूझ रहे हैं जिनमें एक बीमारी का नाम है आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन (AVM). ये मस्तिष्क की एक बीमारी है और इस स्थिति में इंसान को काफी दर्द से गुजरना पड़ता है. ये बीमारी रीढ़ की हड्डी, मस्तिष्क या शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. यह बीमारी स्ट्रोक या मस्तिष्क डैमेज का भी कारण बन सकती है. अब ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठेगा कि ये एवीएम बीमारी क्या है और ये किन लोगों को हो सकती है? इस बीमारी के बारे में जानने के लिए Aajtak.in ने मुंबई के फोर्टिस अस्पताल में न्यूरो और स्पाइन सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर कंस्लटेंट डॉ. जयेश सरधारा से बात की और उनसे एवीएम के बारे में सभी जरूरी बातें, लक्षण  रिस्क फैक्टर्स और ट्रीटमेंट आदि के बारे में जाना. तो आइए जानते हैं...

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आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन क्या है?

आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन और AVM एक ऐसा मेडिकल डिस्ऑर्डर है जिसमें रक्त वाहिकाएं आपस में उलझ जाती हैं और देखने में घोंसले की तरह दिखाई देती हैं. ब्रेन को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरीज और ब्रेन से ब्लड को बाहर निकालने वाली नसें आपस में उलझ जाती हैं.

रक्त वाहिकाओं के जरिए हमारे पूरे शरीर में खून पहुंचता है. हमारी आर्टरीज ऑक्सीजन से भरपूर खून को हार्ट से ब्रेन और शरीर के सभी अंगों और टिश्यू तक पहुंचाने का काम करती हैं. वहीं, नसों की बात करें तो ये ऑक्सीजन और पोषक तत्वों वाले खून और अपशिष्ट पदार्थों को टिश्यू से वापस आपके हार्ट और फेफड़ों में वापस लाती हैं.

आमतौर पर, ये आदान-प्रदान आपकी कैपिलरीज में होता है, जहां धमनियों और नसों की सबसे छोटी रक्त वाहिका यूनिट्स जुड़ती हैं. जब आपको आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन नाम की बीमारी होता है तो कैपिलरीज का ये ब्रिज आर्टरीज और नसों के बीच में से गायब हो जाता है. जिसके कारण आर्टरीज से नसों तक हाई प्रेशर वाला ब्लड फ्लो होता है. इस तरह से असामान्य कनेक्शन और आर्टरी से नसों तक हाई प्रेशर वाले ब्लड के फ्लो के कारण वाहिकाएं टूट जाती हैं और उस जगह पर ब्लीडिंग हो सकती है.

आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन के लक्षण क्या हैं

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  • दौरे पड़ना
  • सिरदर्द
  • मसल्स वीकनेस और कंपलीट पैरालाइसिस
  • उल्टी आना
  • सुन्न पड़ना या झनझनाहट होना
  • चक्कर आना
  • बोलने, चीजों को याद रखने, सोचने और देखने में दिक्कत होना

आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन से क्या दिक्कत होती है?

डॉ. जयेश सरधारा ने बताया कि आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन की समस्या ब्रेन के किसी भी हिस्से में हो सकती है. अगर आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन ब्रेन के पेरीफेरल सरफेस पर होता है जो उससे मरीज को दौरे पड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं हो सकती हैं. जैसे,

ब्रेन ब्लीडिंग- आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन के कारण व्यक्ति के ब्रेन में ब्लीडिंग हो सकती है जिससे हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है.

एन्यूरिज्म- ये एवीएम में या उसके आसपास एक गुब्बारे जैसा उभार होता है. ये ब्रेन में ब्लीडिंग से संबंधित लक्षणों के खतरे को बढ़ा सकता है.

कोमा या मौत- कई रेयर मामलों में, आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन के कारण ब्रेन में ब्लीडिंग काफी ज्यादा होने के कारण व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है.

इसके अलावा आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन  की समस्या हाथ-पैरों  में तो इससे मरीज को पैरालिसिस हो सकता है या अगर यह आंख के आसपास है तो इससे मरीज का विजन लॉस हो सकता है.

आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन का ट्रीटमेंट कैसे होता है?

दवाएं- आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन के शरीर पर दिखने वाले लक्षणों को रोकने के लिए डॉक्टर्स की ओर से कई दवाएं मरीज को दी जा सकती है जिनमें शामिल हैं,

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  • दौरे रोकने की दवा
  • ब्लड प्रेशर की दवा
  • पेन किलर

डॉ. जयेश सरधारा ने बताया, 'आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन के मरीज का ट्रीटमेंट करने से पहले उनकी एंजियोग्राफी की जाती है. इस दौरान देखा जाता है कि ब्रेन के किस हिस्से में गुच्छा बन रहा है और उसे सर्जरी से ठीक किया जा सकता है या उसे ग्लू के जरिए बंद किया जा सकता है या कॉइल डाला जा सकता है. जिस प्रकार हार्ट में ब्लॉकेज होने पर बाईपास सर्जरी में आर्टरीज में स्टैंड डाला जाता है ये प्रक्रिया भी उसी तरह से काम करती है.'

एंडोस्कोपिक डिकंप्रेशन: डॉक्टर का कहना है कि ज्यादातर मामलों में मरीज को दवा के जरिए ठीक करने की कोशिश की जाती है. अगर दवा से ठीक नहीं होता तो उस स्थिति में ऑपरेशन की मदद ली जाती है. जिसमें आर्टरी को नस से अलग करके उसके बीच में प्लास्टिक का टेफलॉन लगाया जाता है. जो कि एक जेल जैसी टुकड़ा होता है. ताकी आर्टरीज और नसें एक-दूसरे से अलग रहें. इसे एंडोस्कोपिक डिकंप्रेशन कहा जाता है.

इस प्रक्रिया के जरिए कान के पीछे एक छेद किया जाता है जहां से एंडोस्कोपी को उस जगह पर पहुंचाया जाता है जहां नसों का गुच्छा होता है और फिर उन्हें एक-दूसरे से अलग किया जाता है. एंडोस्कोपी के जरिए मरीज की 95 फीसदी समस्या ठीक हो जाती है. यह काफी एडवांस एंडोस्कोपिक टेक्निक होती है.

गामा नाइफ रेडियोसर्जरी: गामा नाइफ रेडियो सर्जरी के जरिए भी आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन को ठीक किया जा सकता है. इस प्रक्रिया में रेडिएशन का इस्तेमाल करके आर्टियोवीनस मालफॉर्मेशन को धीरे-धीरे सिकोड़कर ठीक किया जा सकता है.

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इन चीजों का रखें ध्यान

डॉ. जयेश सरधारा ने बताया कि इस बीमारी को ठीक करने के लिए जो ट्रीटमेंट किया जाता है उसमें लगभग 5 से 10 लाख रुपए तक का खर्च आता है. इस समस्या को कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें. स्ट्रेस से दूर रहे हैं. समय-समय पर अपनी दवा का सेवन करें. अगर मरीज को कभी भी दौरे पड़ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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