क्या रनिंग करने से घुटने घिस जाते हैं? हड्डियों के डॉक्टर ने बताया सच और समझाया साइंस

रनिंग से घुटने घिसते हैं? अधिकतर लोगों के मन में ये सवाल होता है लेकिन एक हड्डियों के डॉक्टर ने इस बारे में डिटेल में बताया है कि इस दावे में कितनी सच्चाई है.

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रनिंग काफी अच्छी एक्सरसाइज है. (Photo: ITG) रनिंग काफी अच्छी एक्सरसाइज है. (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

रनिंग को काफी अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है. कुछ लोग रोजाना रनिंग पर जाते हैं तो कुछ कभी-कभार. इस एक्टिविटी से काफी मात्रा में कैलोरीज बर्न होती हैं और हार्ट रेट हाई होती है. रनिंग काफी अच्छी कार्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी भी है जिसमें कैलोरी बर्न होती हैं और वेट लॉस भी होता है. लोअर बॉडी की स्ट्रेंथ देने वाली रनिंग के बारे में कई लोगों का मानना होता है कि रनिंग करने से घुटने घिस जाते हैं. अब इस बात में कितनी सच्चाई है, इस बारे में एक डॉक्टर ने बताया है. तो आइए जानते हैं क्या है पूरी सच्चाई...

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क्या रनिंग करने से घुटने घिसते हैं?

ऑर्थो सर्जन और स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मनु बोरा ने इंस्टाग्राम पर बताया, 'रनिंग से घुटने नहीं घिसते बल्कि गलत तरीके से रनिंग करने से घुटने खराब होते हैं.'

डॉक्टर समझाते हुए कहते हैं, 'हमारे मसल्स तब तक कमजोर रहते हैं, जब तक उन्हें एक्सरसाइज से मजबूत न बनाया जाए. आपने देखा होगा दुनिया के टॉप एथलीट, मैराथन रनर्स, स्प्रिंटर या उसेन बोल्ट जैसे प्लेयर्स रनिंग के साथ खास तरह की ड्राई ट्रेनिंग करते हैं जिससे उनका पटेला (घुटने की टोपी) यानी कनी-कैप सही ट्रैक पर चलता है. उनका VMO, हिप फ्लेक्सर और IT बैंड जैसे मसल्स इतने मजबूत हो जाते हैं कि घुटनों पर दबाव सही तरीके से डिवाइड हो जाता है और किसी एक हिस्से पर नहीं आता. इसके कारण उन लोगों के घुटने में घिसाव नहीं होता.'

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गलत ट्रेनिंग से बिगड़ता है पटेला ट्रैकिंग

डॉ. मनु ने कहा, 'दरअसल, जब लोग बिना ट्रेनिंग या गलत ट्रेनिंग के साथ रनिंग शुरू करते हैं तभी पटेला की माल-ट्रैकिंग शुरू हो जाती है. पटेला ट्रैकिंग का मतलब है कि जब घुटने को मोड़ते हैं सीधा करते हैं तो पटेला जांघ की हड्डी के खांचे में ठीक से नहीं चलता और अपनी जगह से खिसक जाता है. इसे पटेला मालट्रैकिंग या पटेलर ट्रैकिंग डिसऑर्डर कहते हैं.

'कई जिम ट्रेनर्स को पटेला ट्रैकिंग की समझ नहीं होती इसलिए वे सही एक्सरसाइज नहीं करा पाते जिसरे कारण घुटने में धीरे-धीरे दर्द होना शुरू होता है. पहले तो यह दर्द घुटने के बीच में होता है फिर कटकट जैसी आवाजें आने लगती हैं और समय के साथ सीढ़ियां चढ़ना भी मुश्किल हो सकता है.'

घुटने घिसने का असली कारण क्या है?

डॉक्टर्स घुटने घिसने की स्थिति को कंड्रोमेलशिया पटेला कंडिशन कहते हैं. इस स्थिति में गलत ट्रैकिंग और कमजोर मसल्स के कारण पटेला पीछे से घिसने लगता है. यदि रनिंग करनी है तो पहले रनिंग-स्पेसिफिक मसल्स की मजबूती बढ़ानी जरूरी है फिर आप रनिंग शुरू करें. किसी को भी रनिंग के लिए तैयार करने में 3 से 4 महीने का समय लग सकता है क्योंकि रनिंग के लिए मसल्स को मजबूत होने में इतना समय लगता है जिससे पटेला उठकर सही ट्रैक में चलने लगता है और घुटनों पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता.

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डाइट भी जरूरी

डॉ. मनु का मानना है कि मसल्स मजबूत होने के लिए सिर्फ एक्सरसाइज काफी नहीं होती बल्कि सही न्यूट्रिशन और डाइट भी जरूरी होती है. मसल्स ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए विटामिन डी, क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट, प्रोटीन रिच डाइट और कुछ अन्य सप्लीमेंट बेहद फायदेमंद हो सकते हैं. इनसे मसल्स रिकवरी जल्दी होती है और उनकी ताकत भी बढ़ती है.

यदि आप रनिंग कर रहे हैं और आप उसके साथ मसल्स स्ट्रेंथ करने वाली ट्रेनिंग कर रहे हैं तो घुटने घिसने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है. लेकिन यदि आप सिर्फ रनिंग कर रहे हैं और ना ही डाइट पर ध्यान दे रहे हैं तो आपके लिए जोखिम हो सकता है. इस स्थिति में आप पहले किसी ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से मिलीं और उनसे सलाह जरूर लें.

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