गंदा पानी शरीर के लिए बेहद खतरनाक...शरीर अंदर से ऐसे खोखला कर देता है बॉडी

Polluted water side effect: जल प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में कुछ बीमारियों का जोखिम अधिक देखने मिल रहा है. यदि कोई लंबे समय तक ऐसा पानी पीता है तो उससे शरीर पर क्या असर हो सकता है, इस बारे में जानेंगे.

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जरूरी नहीं है कि खराब दिखने वाला पानी ही गंदा होता है. (Photo: AI Generated) जरूरी नहीं है कि खराब दिखने वाला पानी ही गंदा होता है. (Photo: AI Generated)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:20 PM IST

Polluted drinking water side effect: दिल्ली-एनसीआर की हवा तो काफी प्रदूषित है लेकिन कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि यहां पर पानी भी अच्छा नहीं है. सीवेज, औद्योगिक कचरा और खराब वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट सिस्टम ने यहां की पानी की सप्लाई को गंभीर रूप से दूषित कर दिया है. गों में पानी से फैलने वाली बीमारियां जैसे घातक बैक्टीरियल इंफेक्शन, हैजा, हेपेटाइटिस और स्किन डैमेज जैसी और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. NCBI 2025 की रिसर्च के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 70% क्षेत्रों में दूषित भूजल की उपस्थिति की पहचान की गई और यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं है. मुख्य रूप से लैंडफिल क्षेत्र और दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी भागों के आसपास के क्षेत्र से.

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एक अन्य रिपोर्ट का कहना है कि दिल्ली में 25% से ज्यादा भूमिगत जल सैंपल्स में सुरक्षित सीमा से अधिक खारापन पाया गया था. इतना नमकीन पानी न सिर्फ ब्लड प्रेशर बढ़ाता है बल्कि किडनी पर दबाव डालकर किडनी स्टोन और क्रॉनिक डिजीज जैसी दिक्कतें भी पैदा कर सकता है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जल प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में कुछ बीमारियों का जोखिम अधिक देखने मिल रहा है. अब ऐसा प्रदूषित पानी कोई लंबे समय तक पिए तो उससे शरीर को क्या नुकसान हो सकते हैं, इस बारे में जान लीजिए.

1. बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infections)

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल ब्यूरो (CPCB) के मुताबिक, 30 जून को जनकपुरी के ए ब्लॉक में पांच घरों से ताजे पेयजल के नमूने एकत्र किए, जिनमें फेकल कोलीफॉर्म और ई. कोली पाया गया था. पानी में पाए गए E. coli और फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया शरीर में खतरनाक टॉक्सिन जमा कर होने लगते हैं. ये बैक्टीरिया पुरानी पाइप लाइन में सीवेज के मिल जाने से फैलते हैं. इससे पेट दर्द, उल्टी-दस्त और गंभीर इंफेक्शन हो सकते हैं जो जानलेवा भी साबित हो सकते हैं.

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2. हैजा (Cholera)

ओआरएफ फाउंडेशन की रिसर्च के मुताबिक, Vibrio cholerae बैक्टीरिया से फैलने वाला हैजा तेज दस्त और डिहाइड्रेशन का कारण बनता है. यदि किसी को इलाज न मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है. 2025 में दिल्ली में 240 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं. नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी खुले नालों से संक्रमण बढ़ रहा है.

3. टाइफाइड (Typhoid Fever)

डीयू जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, Salmonella typhi नाम के बैक्टीरिया दूषित पानी से शरीर में पहुंचकर बुखार, शरीर दर्द और आंतों में सूजन जैसी बीमारियां पैदा करते हैं. खराब पानी की क्वालिटी और साफ-सफाई की कमी दिल्ली-एनसीआर में टाइफाइड के केस बढ़ा रही हैं इसलिए नियमित वॉटर टैंक सफाई बेहद जरूरी है.

4. स्किन और शरीर पर असर (Skin & Long-Term Health Damage)

सेंट्रल ग्राउंड वॉटर रिपोर्ट 2023-2024 के मुताबिक, दूषित पानी में मौजूद हेवी मेटल और केमिकल्स धीरे-धीरे त्वचा और शरीर को नुकसान पहुंच रहे हैं जो नहाने, कपड़े धोने या ब्रश करने से पहुंचते हैं. शुरुआत में एलर्जी, रैशेज होते हैं और लंबे समय में किडनी या लिवर संबंधी बीमारियां हो सकती हैं.

क्या है इससे बचने के तरीके?

अगर पानी में बदबू या रंग बदलता दिखे तो उसे कम से कम 1 मिनट तक अच्छी तरह उबालें. उबालने से अधिकतर बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं जिससे पानी पीने लायक बनता है. ध्यान दें कि आपके ड्रिंकिंग वॉटर फिल्टर सही से काम कर रहे हैं और बैक्टीरिया व केमिकल्स को साफ करने की क्षमता रखते हैं. समय-समय पर उनकी जांच कराएं. अगर आपको तेज बुखार, लगातार दस्त, उल्टी या पीलिया के लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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