पीठ दर्द बन सकता है 'साइलेंट किलर', करता है जानलेवा बीमारी का इशारा, ब्रिटिश डॉक्टर की चेतावनी

लगातार पीठ दर्द को कभी-कभी लोग थकान या गलत पोजिशन की वजह मान लेते हैं, लेकिन ब्रिटिश सर्जन डॉ. नेविल मेनेजेस के अनुसार ये पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत भी हो सकता है. जानें किन लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है और कब तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

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पीठ में दर्द इसलिए पैंक्रियाटिक कैंसर हो सकता है क्योंकि ट्यूमर रीढ़ की हड्डी के पास मौजूद नसों पर दवाब डालता है. (Photo: ITG) पीठ में दर्द इसलिए पैंक्रियाटिक कैंसर हो सकता है क्योंकि ट्यूमर रीढ़ की हड्डी के पास मौजूद नसों पर दवाब डालता है. (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

आप में से ज्यादातर लोग पीठ दर्द को थकान, लंबे समय तक बैठने या गलत पोजिशन का नतीजा मान लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मामूली सा लगने वाला यही पीठ दर्द किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है? अगर नहीं, तो ब्रिटिश सर्जन डॉ. नेविल मेनेजेस की बात पर गौर फरमाना बहुत जरूरी है. डॉ. मेनेजेस का कहना है कि अगर पीठ में दर्द लगातार बना रहे और दवा या आराम से भी ठीक न हो, तो ये पैंक्रियाटिक कैंसर का चेतावनी संकेत हो सकता है.

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पैंक्रियाटिक कैंसर दुनिया में 12वां सबसे आम कैंसर है और कैंसर से होने वाली मौतों की लिस्ट में इसका 6वां स्थान है. इसका कारण ये है कि अक्सर इसकी पहचान करने में देर हो जाती है. पैंक्रियास आपके पेट के पीछे के हिस्से में स्थित एक अंग है, जो खाना डाइजेस्ट करने के लिए एंजाइम और ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए हार्मोन बनाता है. डॉ. मेनेजेस कहते हैं कि ये कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और इसके शुरुआती लक्षण आसानी से नहीं दिखते. इसलिए शरीर में होने वाले छोटे बदलावों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.

पैंक्रियाटिक कैंसर क्यों देता है पीठ दर्द?
पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण पीठ में दर्द इसलिए होता है क्योंकि ट्यूमर रीढ़ की हड्डी के पास मौजूद नसों पर दबाव डालता है या आसपास के टिश्यू में फैल जाता है. पैंक्रियास पेट के अंदर गहराई में होता है और इसमें पास की बड़ी नसों जैसे सिलीऐक प्लेक्सस को दबा सकता है. जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, ये नसों पर दबाव डालकर पीठ में दर्द पैदा करता है.

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बड़े ट्यूमर पेट के पीछे अन्य अंगों और टिश्यू पर भी दबाव डाल सकते हैं, जिससे पीठ में दर्द महसूस होता है. आमतौर पर ऐसा दर्द ये संकेत देता है कि कैंसर पेट के पीछे की जगह (रेट्रोपेरिटोनियल स्पेस) तक फैल चुका है. डॉ. मेनेजेस कहते हैं कि दर्द आम तौर पर पेट के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर साइड या पीठ में फैलता है, हालांकि कुछ लोगों को कोई दर्द भी नहीं हो सकता.

कैसा होता है कैंसर से जुड़ा पीठ दर्द?
डॉ. मेनेजेस के अनुसार, पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण होने वाला दर्द अक्सर कुछ खास तरीकों से महसूस होता है:

  • दर्द पेट के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पीठ तक फैलता है.
  • ये दर्द आम तौर पर हल्का या मध्यम होता है और कभी-कभी होता है, कभी कम होता है.
  • लेटने पर दर्द बढ़ सकता है और आगे झुकने पर आराम मिल सकता है.
  • कभी-कभी अचानक तेज दर्द भी महसूस हो सकता है.

पैंक्रियाटिक कैंसर के अन्य लक्षण
पीठ दर्द के अलावा, इस कैंसर के कुछ और संकेत भी हो सकते हैं:

  • पीलापन (जॉन्डिस) या आंखों का पीला पड़ना
  • डार्क कलर का पेशाब या हल्के कलर का बॉडी वेस्ट
  • ऊपरी पेट में दर्द
  • पीठ के बीच में दर्द
  • थकान और कमजोरी
  • स्किन में खुजली
  • मतली और उल्टी
  • पेट में गैस या सूजन
  • भूख न लगना
  • अचानक में वजन घटना
  • ब्लड क्लॉट्स
  • डायबिटीज

डॉ. मेनेजेस कहते हैं कि लगातार पीठ में दर्द को नजरअंदाज न करें, खासकर अगर दवा और आराम से भी दर्द ठीक नहीं हो रहा हो. शरीर में होने वाले छोटे बदलावों को पहचानना और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जीवन बचा सकता है. हर पीठ दर्द पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत नहीं होता, लेकिन सतर्क रहना और समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है.

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