Omicron symptoms: ओमिक्रॉन का ये लक्षण सबसे पहले आता है नजर, वैक्सीन लगवा चुके लोगों में भी दिख रहा यही संकेत

Omicron symptoms: डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन को बहुत हल्का वैरिएंट बताया जा रहा है. हालांकि इसके फैलने की रफ्तार से दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स हैरान हैं. कई लोग इसके शुरुआती लक्षणों को नहीं समझ पा रहे हैं और बेफिक्र होकर अपना काम कर रहे हैं. इसकी वजह से इस नए वैरिएंट को और फैलने का मौका मिल रहा है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
  • अलग हैं ओमिक्रॉन के लक्षण
  • वैक्सीनेटेड लोगों में हल्के लक्षण
  • सही लक्षणों की पहचान जरूरी

ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना के मामलों में बड़ा उछाल सामने आ रहा है. हालांकि, कम गंभीर होने के अलावा ओमिक्रॉन और डेल्टा के लक्षणों में भी काफी अंतर है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स बार-बार लोगों से ओमिक्रॉन के लक्षणों की सही पहचान करने को कह रहे हैं ताकि इसे फैलने से रोका जा सके. अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर जॉर्ज मोरेनो ने इनसाइडर को ओमिक्रॉन से जुड़े कई लक्षणों (Omicron symptoms) के बारे में बताया है.

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ओमिक्रॉन के खास लक्षण- प्रोफेसर जॉर्ज मोरेनो ने बताया, 'दिसंबर के अंत तक मैं हर दिन  COVID-19 के पांच मरीज देख रहा था लेकिन पिछले हफ्ते ऐसा लगा जैसे कि कोरोना का विस्फोट हो गया हो. इसके पीछे ओमिक्रॉन वैरिएंट जिम्मेदार है. COVID-19 के अन्य लक्षण महसूस होने से पहले ज्यादातर मरीजों ने रूखा और गले में खराश महसूस किया जिसकी वजह से उन्हें निगलने में तेज दर्द हो रहा था. ये एक प्रमुख लक्षण है.

नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका और UK के डॉक्टरों ने भी इसी तरह गले में खराश या चुभन को ओमिक्रॉन के विशिष्ट लक्षण के रूप में पहचाना है. एक न्यूज ब्रीफिंग में, दक्षिण अफ्रीका के डिस्कवरी हेल्थ के सीईओ, रेयान नोच ने कहा था कि ओमिक्रॉन के मरीज आमतौर पर सबसे पहले गले में खराश की शिकायत करते हैं, उसके बाद नाक में बंद होना, सूखी खांसी और शरीर में दर्द होता है. हालांकि, प्रोफेसर मोरेनो का कहना है कि गले में खराश अक्सर साइनस कंजेशन  (Sinus congestion) और सिरदर्द के साथ हाथ आता है.

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क्या कहती है स्टडी- Zoe कोविड लक्षण स्टडी के मुताबिक, ओमिक्रॉन के सभी मरीजों में गले में खराश सबसे शुरुआती और आम लक्षण पाया गया है. नॉर्वे की एक स्टडी में पाया गया कि क्रिसमस पार्टी में हुए ओमिक्रॉन के प्रकोप में 72% संक्रमित लोगों में गले की खराश की ही शिकायत पाई गई थी जो लगभग तीन दिनों तक थी. ज्यादातर संक्रमित लोगों को mRNA वैक्सीन की दोनो डोज लग चुकी थी. प्रोफेसर मोरेनो ने बताया, 'मेरे क्लिनिक में आने वाले ज्यादातर मरीज वैक्सीनेटेड थे. यही वजह है कि उनमें लक्षण बहुत हल्के और कम दिनों तक रहने वाले थे. जिन लोगों ने बूस्टर डोज ली थी, उनके लिए ये आम सर्दी-जुकाम जैसा था. दो दिन के बाद ही वो वापस अपने रेगुलर रुटीन पर लौट चुके थे.'

वैक्सीनेटेड लोगों में सबसे पहले दिखते हैं ये लक्षण- एक्सपर्ट्स के अनुसार, डेल्टा इंफेक्शन में वैक्सीनेटेड लोगों में भी गले में खराश की समस्या थी लेकिन ओमिक्रॉन में ये ज्यादा है. जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक वायरोलॉजिस्ट डॉ एंडी पेकोज का कहना है कि ओमिक्रॉन के लक्षणों का एक अलग पैटर्न है जो दूसरे वैरिएंट्स से अलग है. इसमें डेल्टा की तरह स्वाद और सुगंध नहीं जाता है. ये बस गले में चुभन और कफ तक है. कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि नाक तक पहुंचने से पहले ओमिक्रॉन गले को ही संक्रमित करता है.' 

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एक स्टडी में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया कि ओमिक्रॉन संक्रमण का वायरल लोड नाक के स्वैब तक पहुंचने से एक-दो दिन पहले मुंह के लार में रहता है. यही वजह है कि रैपिड टेस्ट में गले की स्वैब से इसकी सटीक जानकारी मिल सकती है.

 

 

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