थायरॉइड कैंसर से गई KGF फेम एक्टर हरीश राय की जान, नजरअंदाज न करें इसके शुरुआती लक्षण

लंबे समय से थायरॉइड कैंसर से जूझ रहे 'केजीएफ' फेम एक्टर का हरीश राय का निधन हो गया है. इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना बहुत जरूरी है.

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गले के कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं (Photo: ITG) गले के कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST

Thyroid cancer Symptoms and causes: कैंसर ने एक फिल्म स्टार को छीन लिया है, कन्नड़ फिल्म 'केजीएफ' फेम एक्टर हरीश राय का 6 नवंबर को निधन हो गया. लंबे समय से वो थायरॉइड कैंसर से जूझ रहे थे और उन्होंने बेंगलुरु में 55 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. उनकी बीमारी के बारे में पिछले कई महीनों से खबरें थीं और इलाज जारी था. मगर आखिरकार वो यह जंग हार गए.

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उनके जाने से कन्नड़ सिनेमा ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय फिल्म जगत में शोक की लहर है. हरीश राय को खास पहचान सुपरहिट फिल्म केजीएफ से मिली थी, जिसमें उन्होंने ‘किलर’ की दमदार भूमिका निभाई थी. यश के साथ स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी ने दर्शकों पर गहरा असर छोड़ा था.

चेहरे के एक्सप्रेशन, डायलॉग, एक्टिंग और एक मजबूत को-एक्टर  के तौर पर उनकी परफॉर्मेंस आज भी फैंस को याद है. KGF की मेगा सफलता ने उन्हें एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया था, जिसके बाद उन्होंने कई और प्रोजेक्ट्स में अपने टेलेंट को दिखाया. लेकिन अब उनके अचानक चले जाने ने फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया है. 

हरीश राय के अचानक निधन ने एक बार फिर थायरॉइड कैंसर के बारे में जागरूकता की जरूरत को उजागर कर दिया है. पुरुषों में कुछ समय से थायरॉइड कैंसर के मामले काफी बढ़ें हैं और यह कैंसर अक्सर शुरुआती चरणों में बिना दर्द के पैदा होता है, लेकिन कुछ संकेत समय रहते पहचानने जरूरी हैं. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में थायरॉइड कैंसर के केस काफी तेजी से बढ़े हैं.  

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क्या होता है थायरॉइड कैंसर?

थायरॉइड कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्दन के सामने स्थित तितली-आकार की थायरॉइड ग्रंथि की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं. यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और हार्मोन संतुलन को कंट्रोल करती है, इसलिए इसमें पैदा होने वाला कैंसर कई शारीरिक कामों को प्रभावित कर सकता है. इसके शुरुआत लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान होने से थायरॉइड कैंसर का इलाज आम तौर पर सफल रहता है, इसलिए शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. 

थायरॉइड कैंसर के शुरुआती लक्षण 

  • गले या गर्दन में एक असामान्य गांठ
  • आवाज भारी होना या लगातार बैठी रहना
  • खाना निगलते समय दर्द या परेशानी
  • गले में लगातार खांसी, खासकर बिना संक्रमण के
  • गर्दन या जबड़े में सूजन

ये लक्षण हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होते, लेकिन अगर वे कुछ दिनों से अधिक बने रहें, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना जरूरी है. अगर आप किसी भी बीमारी का उसकी शुरुआती स्टेज पर ही पता लगा लेते हैं तो उसका इलाज जल्दी शुरू हो जाता है. इसकी वजह से कई बार बीमारी जल्द ही खत्म भी हो जाती है, उसी तरह अगर आप कैंसर की शुरुआती स्टेज में पहचान होने पर इलाज आसान और असरदार होता है. इसी कारण नियमित हेल्थ चेक-अप और शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों पर ध्यान देना बेहद अहम है. 

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थायरॉइड कैंसर के बारे में एक्सपर्ट बताते हैं कि यह महिलाओं में ज्यादा आम है, लेकिन पुरुषों में इसके मामले अक्सर देर से पकड़े जाते हैं क्योंकि आमतौर पर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. तनाव, खान-पान, आयोडीन की कमी, और जेनेटिक फैक्टर भी इसके जोखिम बढ़ा सकते हैं, लेकिन समय पर जांच, अल्ट्रासाउंड और जरूरत पड़ने पर बायोप्सी से इसे जल्दी पकड़ा जा सकता है.

 थायरॉइड कैंसर के मुख्य कारण

  • जरूर, थायरॉइड कैंसर के कारण लाइनों में
  • आनुवांशिक कारण या परिवार में थायरॉइड कैंसर का इतिहास
  • बचपन में सिर या गर्दन पर रेडिएशन एक्सपोजर
  • थायरॉइड नोड्यूल्स या ग्रंथि का असामान्य बढ़ना 
  • आयोडीन की कमी या अधिकता
  • कमजोर इम्यूनिटी
  • हार्मोनल असंतुलन, खासकर महिलाओं में
  • खास जेनेटिक म्यूटेशन जैसे RET जीन में बदलाव
  • लंबे समय तक चली आ रही थायरॉइड संबंधी समस्याएं

थायरॉइड कैंसर से कैसे करें बचाव? 

  • नियमित हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर गले की जांच
  • गले या गर्दन में किसी भी गांठ या सूजन पर ध्यान दें
  • आयोडीन युक्त आहार (जैसे नमक और सी-फूड) का सेवन करें
  • अनावश्यक रेडिएशन से बचें, खासकर सिर और गर्दन पर
  • बैलेंस फूड और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
  • परिवार में थायरॉइड या कैंसर का इतिहास होने पर डॉक्टर से सलाह लें
  • खांसी, आवाज में बदलाव या निगलने में कठिनाई जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें
  • तनाव कम करें और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें.

 

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