Mental Health: आपके दिमाग में भी होता है Delete Button, मिट सकती हैं कड़वी यादें, ऐसे करें इस्तेमाल

शोधकर्ता अब कुछ सीखने के लिए प्रैक्टिस से भी ज्यादा जरूरी पुरानी चीज को भूलना यानी पुराने न्यूरल कनेक्शन को तोड़ने को जरूरी मान रहे हैं. इसे "सिनैप्टिक प्रूनिंग" कहा जाता है. आइये जानते हैं, ये कैसे काम करता है.

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Brain has delete button (AI Image) Brain has delete button (AI Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

क्या आप जानते हैं कि आपके दिमाग में एक डिलीट बटन भी होता है? न्यूरोसाइंस में एक पुरानी कहावत है: "neurons that fire together wire together." इसका मतलब है- जितना ज्यादा आप अपने दिमाग में न्यूरो-सर्किट चलाते हैं, वह सर्किट उतना ही मजबूत होता जाता है. आम लफ्जों में कहें तो “Practice makes perfect”.

इस बात को साइटिस्ट सालों से जानते हैं लेकिन अब शोधकर्ता इसके दूसरे पहलू पर बात करते हैं. कुछ सीखने के लिए प्रैक्टिस से भी ज्यादा जरूरी पुरानी चीज को भूलना यानी पुराने न्यूरल कनेक्शन को तोड़ना है. इसे "सिनैप्टिक प्रूनिंग" कहा जाता है. आइये जानते हैं, ये कैसे काम करता है.

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दिमाग कैसे करता है अपनी सफाई?

कल्पना कीजिए कि आपका दिमाग एक बगीचा है, बस इसमें फूल, फल और सब्जियां उगाने के बजाय, आप न्यूरॉन्स के बीच सिनैप्टिक कनेक्शन विकसित करते हैं, जिनका कनेक्शन, डोपामाइन, सेरोटोनिन और ऐसे ही अन्य न्यूरोट्रांसमीटर से होता है और "ग्लिअल कोशिकाएं" आपके दिमाग की माली हैं - वे कुछ न्यूरॉन्स के बीच संकेतों को तेज़ करने का काम करती हैं. वहीं, अन्य ग्लियाल कोशिकाएं अपशिष्ट हटाने वाली, खरपतवार निकालने वाली, कीटों को मारने वाली, मृत पत्तियों को इकट्ठा करने वाली होती हैं. हालांकि, दिमाग किस तरह से ये तय करता था कि उस कौन सी चीजें हटानी हैं, इस पर अभी रिसर्च चल रही है.

दिमाग की सफाई के लिए नया सीखना जरूरी

आपके दिमाग की छंटाई करने वाले माली को "माइक्रोग्लियल कोशिकाएं" कहा जाता है. वे आपके सिनैप्टिक कनेक्शनों की काट-छांट करते हैं. यानी यही  "माइक्रोग्लियल कोशिकाएं" आपके दिमाग का डिलीट बटन है, जो आपकी बुरी यादों की कटाई-छटाई करता है. 
इस प्रकार आपका दिमाग आपके लिए कुछ नया सीखने के लिए जगह बनाता है ताकि आप और अधिक सीख सकें.

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बेहद जरूरी है अच्छी नींद

वहीं जब आप कुछ नया सीखते हैं तो आपको एक टाइम के बाद एहसास होता है कि आपका दिमाग अब भर गया है. इससे ज्यादा आपका दिमाग काम नहीं कर पाएगा. तो जब आप कुछ नया सीखते हैं और आपका दिमाग भर जाता है तो दिमाग का माली यानी  "माइक्रोग्लियल कोशिकाएं" कटाई-छटाई शुरू कर देती हैं. हालांकि, इसके बाद आराम भी जरूरी है. जब आप सोते हैं तो आपका दिमाग अपनी सफाई करता है इसीलिए एक अच्छी नींद बेहद जरूरी है.

सोते में होती है दिमाग की सफाई

जब आप सोते हैं तो आपके दिमाग की कोशिकाएं 60% तक सिकुड़ जाती हैं ताकि माली अंदर आ सके और कचरा ले जा सकें. इस प्रकार वे सिनेप्सेस की काट-छांट करते हैं. आपने महसूस किया होगा कि जब आप एक अच्छी नींद लेकर उठते हैं तो आप सही से सोचने में सक्षम होते हैं. यही कारण हैं कि क्षमताओं को बढ़ाने के लिए काम के बीच में छोटी नींद (Nap) को महत्तवपूर्ण माना जाता है. 10 या 20 मिनट की झपकी आपके माइक्रोग्लियल माली को अंदर आने और उपयोग में न आने वाले कनेक्शन को साफ़ करने और नए कनेक्शन बनाने के लिए जगह बनाती है.

कुल मिलाकर किसी चीज़ को हटाने यानी डिलीट करने के लिए बस उसके बारे में सोचना बंद कर दें. जब आपको वो चीजें याद आए तो अपने दिमाग को कुछ नया सीखने में लगाएं. इसके लिए आप कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं या कुछ नया सीखने में दिमाग लगा सकते हैं या वो कर सकते हैं, जो आपको खुशी देता हो. ऐसा करने से आप कड़वी यादों को भूल सकते हैं या इस स्थिति में पहुंच सकते हैं कि कड़वी यादें आप पर असर डालना बंद कर देंगी. इसके लिए अच्छी नींद और नया सीखते रहना जरूरी है.

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