गंजे चूहों के 20 दिन में उग आए बाल...ताइवान के वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी चीज, इंसानों के लिए कितनी फायदेमंद?

नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सीरम बनाया है जो 20 दिनों में बाल की ग्रोथ कर सकता है. अभी ये रिसर्च चूहों पर हुई है लेकिन जल्द ही इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू होगा.

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नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खास सीरम बनाया है. (Photo: AI Generated) नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खास सीरम बनाया है. (Photo: AI Generated)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

Hair Serum Regrow: गंजापन, खोपड़ी पर बालों की ग्रोथ का कम होना या रुक जाना है. मेडिकल टर्म में इसे एलोपेसिया भी कहा जाता है. अक्सर आपने इंटरनेट पर कई एड्स देखे होंगे जो कुछ ही दिन में सिर पर बाल उगाने का दावा करते हैं. कुछ दावे कहते हैं कि 10 दिन में बाल उगा सकते हैं तो कुछ 5 दिन में. लेकिन हाल ही में आपने वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सीरम बनाया है जो 20 दिनों में बाल की ग्रोथ कर सकता है. नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई इस रिसर्च में ये बात साबित हुई है. 

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क्या कहती है ये रिसर्च 

सेल मेटाबॉलिज्म में पब्लिश हुई स्टडी यह पता लगाने की गी थी कि कैसे त्वचा के नीचे फैट सेल्स द्वारा रिलीज हुए फैटी एसिड बालों के रोम स्टेम सेल्स यानी बालों को फिर से उगाने के लिए उत्तेजित कर सकते हैं. 

दावा करने वाली नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में बताया, हमारी त्वचा के नीचे मौजूद फैट सेल्स यानी एडिपोसाइट्स चोट लगने पर टूटते हैं और ओलिक एसिड व पैल्मिटोलेइक एसिड नाम के फैटी एसिड छोड़ते हैं. यही एसिड बालों की जड़ों में मौजूद स्टेम सेल्स को दोबारा एक्टिवेट कर देते हैं जिससे बालों की ग्रोथ होने लगती है.

चूहों पर हुई रिसर्च

वैज्ञानिकों ने रिसर्च के दौरान जब फैटी एसिड को चूहों की स्किन पर लगाया तो, लगभग 20 दिनों में उनके नए बाल उग आए. इस निष्कर्ष ने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया.

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रिसर्च का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर सुंग-जान लिन का कहना है, 'यह प्रोसेस PGC1-a नामक जीन को एक्टिव करती है जो सेल की एनर्जी और रिक्रिएशन के लिए जिम्मेदार होता है. टीम ने इस सीरम को के लिए पेटेंट फाइल कर दिया है और भविष्य में इसे इंसानों के लिए लिए भी विकसित करने की प्लानिंग कर रही है.

इंसानों पर और रिसर्च की जरूरत

यह रिसर्च अभी चूहों पर ही हुई थी. अब ऐसे में इंसानों की त्वचा, बालों की जड़ें और उनका ग्रोथ साइकिल काफी अलग होती है इसलिए यह कहना कि 20 दिन में इंसानों के बाल भी उग आएंगे, जल्दबाजी होगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन फैटी एसिड्स की अधिक मात्रा से स्कैल्प में जलन या इन्फेक्शन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.

यह खोज बताती है कि फैट मेटाबॉलिज्म भी बालों की ग्रोथ से जुड़ा हो सकता है. अभी इसका इंसानों पर ट्रायल नहीं हुआ है इसलिए इस दावे पर आंख बंद करके विश्वास कर लेना मुश्किल है.

यह सीरम अन्य हेयर सीरम से किस प्रकार अलग है?

हेयर सीरम आमतौर पर सिलिकॉन के मिश्रण से बने होते हैं जो बालों पर ऊपरी लेयर्स से बालों का रूखापन कम करते हैं और चमक लाते हैं. ये केमिकल-बेस्ड सीरम और हेयर प्रोडक्ट कभी-कभी रैशेज और जलन पैदा करते हैं लेकिन इनके फॉर्मूले में नेचुरल फैटी एसिड होते हैं जो स्किन पर हल्के होते हैं और अंततः बिना डॉक्टर के पर्चे के भी मिल सकते हैं. इस सीरम में इस्तेमाल होने वाले फैटी एसिड नेचुरल रूप से मानव शरीर और ऑलिव जैसे कुछ पौधों में पाए जाते हैं.

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कौन हैं प्रोफेसर सुंग-जान?

प्रोफ़ेसर सुंग-जान नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी (एनटीयू) में एक रिसर्चर हैं और उन्होंने ही ये सीरम बनाने वाली स्टडी का नेतृत्व किया था. इनका पूरा नाम सुंग-जान लिन है, और वे एनटीयू हॉस्पिटल में प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट हैं. उन्होंने यही से एमडी और पीएचडी दोनों की उपाधि प्राप्त की है. प्रोफेसर लिन ने सीरम के वैरिएंट में अपने पैरों पर टेस्टिंग की थी और 3 हफ्ते बाद उनके पैर पर बालों की रीग्रोथ होने लगी थी.

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