सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेद में किशमिश का पानी पीने के कई फायदों के बार में बताया गया है. आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश का पानी अतिरिक्त पित्त को संतुलित करता है, पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, खून को शुद्ध करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को धीरे-धीरे बाहर निकालने में मदद करता है, खासकर थकान, बेजान त्वचा, एसिडिटी या कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए.
भिगोने की प्रक्रिया किशमिश को नरम बनाती है, जिससे पोषक तत्व पानी में मिल जाते हैं, जिससे उन्हें पचाना आसान हो जाता है और पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है. किशमिश का पानी अपने हाी सॉल्युबल फाइबर के कारण पाचन में सुधार करता है, जो पाचन तंत्र में भोजन की सुचारू गति को बढ़ावा देता है, एसिडिटी और सूजन को कम करता है, और नियमित मल त्याग को प्रोत्साहित करता है.
इसके अलावा, किशमिश का पानी एक हल्के लिवर टॉनिक के रूप में कार्य करता है, पित्त उत्पादन को बढाकर फैट को तोड़ता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, एनर्जी बढ़ाता है और स्किन की चमक में सुधार करता है. यह आयरन का भी एक बहुत अच्छा सोर्स है, जो एनीमिया से ग्रस्त महिलाओं के लिए जरूरी माना जाता है, थकान, सांस फूलना और चक्कर आना कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, यह खून को शुद्ध करता है, गट हेल्थ को बढ़ावा देता है और स्किन ट्रीटमेंट में सहायता करता है.
किशमिश का पानी हार्मोनल बैलेंस में भी सहायता करता है, खासकर जब केसर के साथ मिलाया जाता है, पीरियड्स की अनियमितताओं, पीएमएस, मूड स्विंग्स और इमोश्नल क्रेविंग्स को कम करता है. वेट मैनेजमेंट के लिए, इसकी कम कैलोरी, हाई फाइबर और नेचुरल शुगर आपको तृप्ति देती हैं , अनहेल्दी स्नैकिंग को कम करती है, और मेटाबॉलिज्म का समर्थन करती है.
किशमिश पानी बनाने के तरीके
- पाचन और एनीमिया के लिए- 15-20 काली किशमिश को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट पिएं.
- त्वचा और हार्मोनल बैलेंस के लिए- 2-3 केसर के धागों के साथ 15 काली किशमिश को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह पिएं.
- डीप डिटॉक्स के लिए- 30 काली किशमिश को 1.5 कप पानी में उबालें और ठंडा होने के बाद पिएं.
- वजन घटाने के लिए- 15 सुनहरी किशमिश को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह पिएं.
आजतक हेल्थ डेस्क