क्या आप भी करते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग? जानें इस दौरान क्या करें क्या नहीं

इंटरमिटेंट फास्टिंग एक फायदेमंद तरीका है जिससे आप अपने शरीर को साफ कर सकते हैं और वजन कम कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको अपने फास्टिंग और ईटिंग विंडो के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.

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क्या आप भी करते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग? जानें इस दौरान क्या करें क्या नहीं (photo: pixabay) क्या आप भी करते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग? जानें इस दौरान क्या करें क्या नहीं (photo: pixabay)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

इंटरनेट फास्टिंग (इंटरमिटेंट फास्टिंग) एक प्रभावी तरीका है जिससे शरीर के अंदर से सफाई होती है और पेट खाली रहने पर शरीर तथा मन बेहतर रिपेयर होते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान पेट को कुछ घंटे खाली रखना कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है और फैट बर्निंग भी शुरू होती है. आइए जानते हैं इंटरनेट फास्टिंग करते समय आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. साथ ही जानते हैं किन बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है.

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के तरीके-

इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई तरीके होते हैं, जैसे कि 12:12 मेथड जिसमें 12 घंटे की फास्टिंग और 12 घंटे की ईटिंग विंडो होती है, जो खासकर शुरुआती लोगों के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा वॉरियर मेथड भी है जिसमें 20 घंटे की फास्टिंग होती है और 4 घंटे खाने की विंडो होती है. व्यक्ति अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार फास्टिंग की विंडो चुन सकता है.

फास्टिंग के दौरान क्या पिएं (लिक्विड इंटेक)-

फास्टिंग विंडो में लो कैलोरी ड्रिंक्स पी सकते हैं. इनमें प्लेन पानी, लेमन वॉटर और कुछ प्रकार के इन्फ्यूज्ड वाटर शामिल हैं. इसके अलावा एप्पल साइडर विनेगर भी मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है. टी और कॉफी में ध्यान रखना होगा कि दूध वाली चाय या कॉफी नहीं पीना चाहिए क्योंकि दूध में कैलोरी होती है. आप ब्लैक कॉफी या ब्लैक टी का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इनका सेवन कम ही करना चाहिए क्योंकि कैफीन हार्मोन को प्रभावित करता है और शरीर क्लिनिंग प्रोसेस को डिस्टर्ब कर सकता है. हर्बल टी, ग्रीन टी (सीमित मात्रा में), और नाइट टाइम रिलैक्सिंग टी फास्टिंग के दौरान ली जा सकती हैं.

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फास्टिंग विंडो में क्या न लें- फ्रेश फ्रूट जूस, वेजिटेबल जूस, कोकोनट वॉटर और ऐसी कोई भी चीज जिसमें कैलोरी होती है, वह फास्टिंग विंडो में लेने से बचना चाहिए क्योंकि ये फास्टिंग के असर को कम कर देती हैं.

फास्टिंग विंडो कैसे चुनें- अपने रोजाना के काम, सोशल एक्टिविटीज और प्रैक्टिकलिटी के अनुसार फास्टिंग और ईटिंग विंडो का चुनाव करें. उदाहरण के लिए, 16 घंटे का फास्टिंग शाम से शुरू करें और दिन के एक्टिव टाइम में खाना खाएं ताकि सोशल लाइफ और एक्टिविटी में बाधा न आए.

वर्कआउट के समय का ध्यान रखें- फास्टिंग के दौरान हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉक या माइनस एक्सरसाइज कर सकते हैं. हाई इंटेंसिटी वर्कआउट (जैसे HIIT या कार्डियो) से बचें क्योंकि इससे शरीर की रिकवरी के लिए खाने की जरूरत बढ़ जाती है और अगर खाने के बाद न्यूट्रिशन न मिले तो मसल लॉस हो सकता है.

ईटिंग विंडो के दौरान क्या करें -हल्के खान से शुरुआत करें जैसे फ्रूट सलाद या सूप ताकि पाचन तंत्र पर ज्यादा बोझ न पड़े. ज्यादा खाने से बचें क्योंकि ओवरईटिंग से वजन बढ़ सकता है और फास्टिंग का फायदा कम हो सकता है. अपनी डेली डाइट को पहले से प्लान करें जिसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स शामिल हों.

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