कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति में बढ़ जाता है Schizophrenia का खतरा! स्टडी में हुआ खुलासा

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित ताजा अध्ययन में, अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हुआ था, उनमें सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में चार गुना ज्यादा थी, जो इस वायरस से संक्रमित नहीं थे. 

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

Schizophrenia and Corona Connection: कोरोना महामारी एक बार फिर सभी को डराने लगी है. देशभर में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच इस बीमारी से जुड़ी एक नई स्टडी सामने आई है. नई स्टडी डराने वाली है. नए स्टडी की मानें तो कोविड-19 आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

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स्टडी में क्या बात आई सामने?
नई स्टडी में सिजोफ्रेनिया, और गंभीर कोविड -19 संक्रमण के बीच एक संबंध पाया है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस ताजा अध्ययन में, अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हुआ था, उनमें सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में चार गुना ज्यादा थी, जो इस वायरस से संक्रमित नहीं थे. 

अध्ययन में क्लोज़ापाइन थेरेपी लेने वालों के लिए टीकाकरण रणनीतियों की सावधानीपूर्वक जांच की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है. स्टडी में ये बात भी सामने आई कि युवा व्यक्तियों को कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद SSPD (सिज़ोफ्रेनिया स्पेक्ट्रम और मानसिक विकार) का खतरा बढ़ जाता है.

क्या हुआ सिजोफ्रेनिया?
सिजोफ्रेनिया एक मनोरोग है. इस विकार से ग्रस्त व्यक्ति को वास्तविकता या फिर अपनी बात जाहिर करने में परेशानी होती है और ये सामाजिक व व्यावसायिक दोनों ही प्रकार से परेशानी का सामना करते हैं. सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति का वास्तविकता से संपर्क टूट जाता है और इसका सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके पर असर पड़ता है. इस मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति को ऐसी चीजें दिखाई या सुनाई देती हैं, जिसकी वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता. 

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