ओजेम्पिक-मौनजारो जैसी वेट लॉस दवाएं लेकर सुसाइड के बारे में सोच रहे लोग, बढ़ रहा मानसिक खतरा! ऑस्ट्रेलिया में जारी हुई गंभीर चेतावनी

ऑस्ट्रेलिया की TGA ने ओजेम्पिक और मौनजारो जैसी वजन घटाने वाली दवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है. रिपोर्ट्स में कई लोगों में इन दवाओं के बाद डिप्रेशन, मूड चेंज और आत्महत्या जैसे विचार आने के मामले सामने आए हैं. एक्सपर्ट्स ने सलाह दी है कि ऐसी दवाएं लेने वाले मरीज अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल जरूर करें.

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कुछ लोगों में वेट लॉस दवाओं का इस्तेमाल करने से मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है.  (Photo: ITG) कुछ लोगों में वेट लॉस दवाओं का इस्तेमाल करने से मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है. (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

इसे ऐसे लिखें कि मोटापा घटाने वाली दवाओं का ट्रेंड इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है. सभी लोग अपना वजन कम करने, मोटापा घटाने और फिट दिखने के लिए ओजेम्पिक (Ozempic), वेगोवी (Wegovy), सक्सेंडा (Saxenda), ट्रुलिसिटी (Trulicity) और मौनजारो (Mounjaro) जैसे वेट लॉस इंजेक्शंस ले रहे हैं. लेकिन क्या हो अगर फिट दिखने में आपकी मदद करने वाली ये दवाएं ही आपको अनफिट कर दें? जी हां, ऑस्ट्रेलिया की दवा नियामक संस्था TGA उन मशहूर वजन घटाने वाली दवाओं पर बड़ा अलर्ट जारी किया है, जिनका इस्तेमाल आजकल लाखों लोग कर रहे हैं. ओजेम्पिक, वेगोवी, सक्सेंडा, ट्रुलिसिटी और मौनजारो जैसी दवाएं जिन्हें लोग जल्दी वजन कम करने का 'जादुई तरीका' मानते हैं, अब सवालों के घेरे में आ गई हैं.

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TGA ने चेतावनी दी है कि कुछ लोगों में इन दवाओं का इस्तेमाल करने के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर असर देखने को मिला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ यूजर्स में उदासी, मूड अचानक बदलना, बेचैनी और सबसे गंभीर बात आत्महत्या जैसे खतरनाक विचार आने जैसी समस्याएं देखी गई हैं.

हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि ये दवाएं ही इन समस्याओं की सीधी वजह हैं या नहीं. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब मामला मानसिक स्वास्थ्य जैसा गंभीर हो, तो थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है. इसलिए अगर कोई भी इन दवाओं का इस्तेमाल कर रहा है, तो उसे अपने मूड और भावनाओं में हो रहे बदलावों पर ध्यान देना चाहिए और जरूरत पड़े तो तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए.

मानसिक स्वास्थ्य पर क्यों आया अलर्ट?
TGA का कहना है कि GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट नाम की इस ड्रग कैटेगरी का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों ने डिप्रेशन, गुस्सा, बेचैनी या आत्महत्या जैसे विचार आने की शिकायत की है. इस वजह से डॉक्टर्स को सलाह दी गई है कि दवा शुरू करते समय और डोज बढ़ाते समय मरीज के मूड और मानसिक स्थिति पर खास नजर रखें. एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी में भी ये पाया गया कि इन दवाओं का इस्तेमाल करने वाले कुछ लोगों में आत्मघाती विचारों की रिपोर्ट उम्मीद से थोड़ी ज्यादा मिली. TGA ने अपने रिकॉर्ड में सितंबर तक 72 मामलों में आत्महत्या जैसे विचार, 6 मामलों में डिप्रेशन से जुड़ी आत्महत्या, 4 मामलों में आत्महत्या की कोशिश और 2 मामलों में आत्महत्या की पुष्टि की है.

किन लोगों में देखा गया ज्यादा खतरा?
रॉयल ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ जनरल प्रैक्टिशनर्स की अध्यक्ष और वेट मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट डॉ. टेरी लिन साउथ ने बताया कि जिन लोगों को पहले से डिप्रेशन या एंग्जायटी रही है, वो इस दवाई का इस्तेमाल करते हुए ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि तेजी से वजन घटना भी कई बार मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है और यही कारण कई मरीजों में देखा गया है.

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मौनजारो और गर्भनिरोधक गोलियों पर खास चेतावनी
TGA ने मौनजारो को लेकर एक अलग चेतावनी भी जारी की है. जांच में पाया गया कि ये दवा शरीर के डाइजेशन प्रोसेस को धीमा कर देती है. इससे गर्भनिरोधक गोलियों का असर कम हो सकता है क्योंकि गोली शरीर में पूरी तरह अब्सॉर्ब नहीं हो पाती. इसी वजह से सलाह दी गई है कि मौनजारो शुरू करने के चार हफ्ते तक और डोज बढ़ाने के चार हफ्ते तक महिलाएं या तो नॉन-ओरल गर्भनिरोधक अपनाएं या फिर कंडोम जैसे बैरियर मेथड का इस्तेमाल करें. साथ ही, ये भी साफ कहा गया है कि इस श्रेणी की किसी भी दवा का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी में नहीं करना चाहिए.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि दवाओं के शुरुआती ट्रायल में केवल सीमित लोग शामिल होते हैं, इसलिए कई साइड इफेक्ट बाद में सामने आते हैं, जब लाखों लोग दवा का इस्तेमाल करने लगते हैं. TGA का कहना है कि ये चेतावनियां सामान्य निगरानी का हिस्सा हैं ताकि लोग समय रहते खतरे पहचान सकें और सुरक्षित रह सकें.

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