सर्दियों में धूप की कमी, ठंडी और शुष्क हवा के कारण इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जिससे सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार जैसी बीमारियां का खतरा काफी बढ़ जाता है. वायरल बुखार से बचने के लिए लोग तुरंत दवाइयों का सहारा लेते हैं लेकिन हमारे आयुर्वेद में भी इससे बचने के कई तरीके बताए गए हैं.
आचार्य बालकृष्ण ने हाल ही में अपनी एक पोस्ट में वायरल बुखार से बचने का आसान और असरदार तरीका बताया है. वो कहते हैं कि इसके लिए एक लीटर पानी लें, उसमें 20-25 तुलसी के पत्ते और 3 से 5 लौंग को कूटकर डाल दें. जब पानी आधा रह जाए तब उसे छानकर रख लें. इस काढ़े को हर आधे घंटे में पीने से वायरल बुखार में आराम मिलेगा.
तुलसी से बना ये काढ़ा न सिर्फ वायरल बुखार को कम करता है, बल्कि गले की खराश और कफ जैसी समस्याओं से भी राहत देता है.
यह काढ़ा क्यों है इतना खास?
तुलसी और लौंग के काढ़े में पाए जाने वाले गुणों के कारण यह काढ़ा वायरल बुखार को कम करने में मदद करता है. तुलसी में एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जबकि लौंग में शक्तिशाली एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो सर्दी-जुकाम और बुखार से राहत दिलाने में मदद करते हैं.
तुलसी और लौंग के काढ़े के अन्य फायदे:
यह बात ध्यान रखें कि तुलसी और लौंग काढ़ा हेल्दी तो है लेकिन यह डॉक्टर के बताए दवाओं की जगह नहीं ले सकता. ऐसे में यदि बुखार तेज है या काफी समय से है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें.
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