'मैंने कुछ गलत नहीं किया...', मिलिए दूसरों का निजी डेटा सार्वजनिक करने वाली वेबसाइट चलाने वाले शख्स से

हमने डेटा खरीदने के बहाने 'proxyearth.org' वेबसाइट चलाने वाले शख्स राकेश से बात की. उसने न सिर्फ इसमें दिलचस्पी दिखाई बल्कि ये भी बताया कि वो बिहार का रहने वाला है और इस वेबसाइट को बनाने के पीछे उसका मकसद क्या है.

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मोबाइल नंबर डालते ही निजी जानकारी बताने वाली वेबसाइट का पर्दाफाश हुआ (Photo: ITG) मोबाइल नंबर डालते ही निजी जानकारी बताने वाली वेबसाइट का पर्दाफाश हुआ (Photo: ITG)

ज्योति द्विवेदी / बालकृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

हमने एक दिसंबर को 'proxyearth.org' नाम की एक ऐसी वेबसाइट के बारे में खबर छापी जो सिर्फ एक फोन नंबर डालने भर से लोगों का नाम, ईमेल, पता और पिता का नाम जैसी निजी जानकारियां बता देती है. इस वेबसाइट से जुड़ी जानकारी सामने आई तो बहुत सारे लोग अपने डेटा को लेकर चिंता में पड़ गए और सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट्स को टैग करके इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. ये वेबसाइट लोगों की लाइव लोकेशन ट्रैक करने का भी दावा करती है, लेकिन जब हमने इसकी जांच की तो ये दावा गलत निकला.

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इस वेबसाइट के बारे में खोजबीन करने पर आजतक फैक्ट चेक टीम एक ऐसे शख्स तक पहुंची जिसने अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट्स में अपना नाम राकेश बताया है. हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि यही उसका असली नाम है या नहीं, पर इतनी बात तय है कि ये व्यक्ति इस वेबसाइट को चलाने वालों में से एक है.

हमने डेटा खरीदने वाली ऐड कंपनी का कर्मचारी बनकर राकेश से लंबी बातचीत की. उसका कहना था कि उसने कुछ गलत नहीं किया.    

डीपी से मिला सुराग

हमने देखा कि राकेश के ज्यादातर अकाउंट्स की डीपी में एक ही फोटो लगी है. ये चेक शर्ट पहने हुए एक आदमी की एनीमे स्टाइल वाली फोटो है. इसके बैकग्राउंड में भारत का झंडा है. साथ ही, वीडियो एडिटिंग एप 'कैपकट' और विजुअल इफेक्ट्स सॉफ्टवेयर 'एडोब आफ्टर इफेक्ट्स' का लोगो नजर आ रहा है. ऐसा लगता है कि ये फोटो या तो एआई से बनी है या फिर किसी की फोटो को एआई से एडिट करके इसे बनाया गया है.

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हमें इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, एक्स और यूट्यूब पर राकेश के अकाउंट्स मिले. इन सबमें लगभग एक-सा ही कंटेंट है- जैसे, किसी महंगे वीडियो एडिटिंग एप को फ्री में इस्तेमाल करने का जुगाड़, कई सारे लोगों को एकसाथ मैसेज भेजने की तरकीब, ओटीपी भेजने के लिए अस्थायी नंबर मुहैया कराने वाली वेबसाइट्स आदि.  

हमें राकेश के इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ा एक थ्रेड्स अकाउंट भी मिला जिसमें डीपी के तौर पर एक अलग तस्वीर लगी है. देखने में ऐसा लगता है कि ये किसी की फोटो को एडिट करके, उसमें स्पेशल इफेक्ट डालकर बनाई गई है. इसमें भी आफ्टर इफेक्ट्स का लोगो दिख रहा है. इस फोटो के बारे में भी हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि ये राकेश की तस्वीर है या नहीं.

हमने राकेश को कैसे खोजा?

'proxyearth.org' वेबसाइट के कोड को गौर से देखने पर हमें “@uploadfileofficial” नाम के एक टेलीग्राम चैनल का लिंक मिला. इस चैनल पर हमें “@rakeshxofficial” नाम के एक दूसरे टेलीग्राम चैनल का लिंक मिला.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि “@uploadfileofficial” और “@rakeshxofficial” - दोनों में ही चेक शर्ट वाले शख्स की एनीमे स्टाइल वाली फोटो बतौर डीपी लगी हुई है. यानी, संभावन है कि इन्हें कोई एक ही शख्स चलाता है. “@rakeshxofficial” चैनल के मुताबिक, राकेश एक एडिटर और प्रोग्रामर हैं.

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राकेश ने बताया अपना बिजनेस प्लान

राकेश के अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइट्स को खंगालते समय हमें एक फोन नंबर मिला. हमने इस नंबर पर कॉल करके उनसे कहा कि हम लीक्ड डेटा खरीदना चाहते हैं.  

राकेश ने इस बात पर यकीन कर लिया और डेटा बेचने में खासी दिलचस्पी दिखाई. उसने बताया कि उसकी टीम में 10-12 लोग हैं जो मिलकर 'proxyearth.org' और अन्य वेबसाइट्स का काम संभालते हैं.

उसने ये भी बताया कि वो बिहार से है. वहीं, हमने जब उनके नंबर को ट्रूकॉलर एप्लिकेशन पर खोजा तो उसने भी इसे बिहार का ही बताया.

राकेश का मानना है कि उसने कुछ गलत नहीं किया है क्योंकि उसने कोई डेटा लीक नहीं किया है. उसने बस अलग-अलग समय पर लीक हुए डेटा को एक जगह इकट्टा किया और उसी डेटा की मदद से 'proxyearth.org' वेबसाइट लोगों की निजी जानकारियां बता रही है. जैसा कि हमने अपनी पिछली खबर में बताया था, पिछले कुछ सालों में ऐसे कई डेटा लीक हुए हैं जिनमें भारत के लोगों का निजी डेटा बाहर आ गया.  

उसने ऐसा क्यों​ किया?

राकेश के मुताबिक लोगों की निजी जानकारियां साझा करने वाली 'proxyearth.org' वेबसाइट, उसके लिए बस लोगों का ध्यान खींचने का जरिया भर है. वो इस तरह अपने बाकी प्रोडक्ट्स को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ाना चाहता है, जो उसकी कमाई का असली जरिया हैं.

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जब हमने उससे पूछा कि क्या उसे इस बात का डर नहीं है कि भारत सरकार उसकी वेबसाइट को बंद कर देगी, तो इस पर उसका कहना था कि अगर ऐसा हुआ तो वो इसी से मिलती-जुलती दूसरी वेबसाइट बना लेगा.

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