फैक्ट चेक: लंदन में मंदिर तोड़ने वाले मुस्लिम शख्स की पिटाई का नहीं, हिजाब विरोधी प्रदर्शन का है ये वीडियो

सोशल मीडिया पर एक मुस्लिम युवक की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि पिछले दिनों लंदन के बर्मिंघन में मंदिर पर जिस शख्स ने हमला किया था, उसे हिंदू समुदाय के लोग पीट रहे हैं. यह घटना उस समय की बताई जा रही है, जब उसे थाने से कोर्ट ले जाया जा रहा है. हालांकि आजतक के फैक्ट चेक में पाया गया कि यह वीडियो लंदन में ईरानी दूतावास के बाहर हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान का है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
इंग्लैंड के बर्मिंघम में मंदिर पर हमला करने वाले मोहमद रिजवान को पुलिस थाने से अदालत लेकर जा रही थी. ये बात वहां के हिंदुओं को पता लग गई. इसके बाद उन्होंने रिजवान को जमकर पीटा.
सच्चाई
ये घटना लंदन के किलबर्न जिले की है. 25 सितंबर को वहां हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. उस दौरान एक ही समुदाय के कुछ लोगों ने आपस में हाथापाई की.

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

पिछले कुछ समय से ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हिंदू और मुस्ल‍िम समुदाय के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, एशिया कप टूर्नामेंट में 28 अगस्त को हुए  भारत-पाक मैच के बाद लेस्टर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. ‘द ट्रिब्यून’ की 20 सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 47 लाेगों को गिरफ्तार किया गया था. 

इसी बीच इस मामले से जोड़ते हुुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया है. इसे शेयर करते हुए ऐसा कहा जा रहा है कि इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में जब मंदिर पर हमला करने वाले एक मुस्लिम शख्स को अदालत ले जाया जा रहा था, उस वक्त वहां मौजूद हिंदू समुदाय के लोगों ने उसे जमकर पीटा. 

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करीब दो मिनट के इस वीडियो में कुछ लोगों को सड़क के बीच हंगामा करते देखा जा सकता है. वीडियो में कुछ पुलिसवाले एक शख्स को कहीं ले  जा रहे हैं. अचानक आसपास खड़े लोगों की भीड़ उस शख्स पर हमला कर देती है.  पुलिसवाले बहुत कोशिश करने पर भी उस शख्स को पिटने से नहीं बचा पाते. 

इस वीडियो को शेयर करते हुए कुछ फेसबुक यूजर्स ने लिखा, "इंग्लैंड के बर्मिंघम में मंदिर पर हमला करने वाले मोहमद रिजवान को पुलिस थाने से अदालत लेकर जा रही थी ये बात वहां रहने वाले हिन्दुओं को पता चल गयी , फिर क्या हुआ आप खुद ही देख लो. हिन्दू जाग रहा है फिर चाहे किसी भी देश मे हो!"

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो किसी सांप्रदायिक विवाद का नहीं है. इसे लंदन में चल रहे हिजाब विरोधी आंदोलन के दौरान रिकॉर्ड किया गया था.

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कैसे पता लगाई सच्चाई? 

वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें 29 सितंबर, 2022 के एक ट्वीट में मिला. ट्वीट के साथ लिखे उर्दू कैप्शन में इस मामले को हिजाब विरोधी आंदोलन से जुड़ा बताया गया है. 

इन जानकारियों की मदद से कीवर्ड सर्च करने पर हमें 'न्यूजडॉटकॉमडॉटएयू' नामक ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो में पुलिस कर्मियों के साथ दिख रहे सफेद टी-शर्ट वाले शख्स को पीटने वाली तस्वीरें भी छापी गई थीं.  इस रिपोर्ट की तस्वीरों की तुलना  वायरल वीडियो से करने पर हमने पाया कि ये दोनों घटनाएं एक ही हैं.  

इस रिपोर्ट के मुताबिक, 25 सितंबर के दिन लंदन में स्थित ईरान एम्बेसी के सामने हिजाब के विरोध में एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. लेकिन ये प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिस वजह से पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

खबर में ये घटना लंदन के किलबर्न जिले की बताई गई है. 

इस घटना को लेकर 26 सितंबर को 'डेली मेल' ने अपने यूट्यूब चैनल में एक वीडियो रिपोर्ट अपलोड की थी, जिसके साथ बताया गया था कि लंदन में हिजाब विरोधी आंदोलन के दौरान दो समुदायों के बीच जमकर हाथापाई हुई. 

हालांकि वायरल वीडियो में जिस शख्स को पीटा जा रहा है उसकी पहचान के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते. लेकिन जिस दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है, वो सरासर झूठा है. ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं है जिसमें इंग्लैंड के किसी मंदिर पर हमला करने वाले मुस्लिम शख्स पर हिंदुओं के हमला करने की बात कही गई हो. 

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हिजाबमुक्त ईरान के लिए जारी हैं कोशिशें

पिछले कुछ समय से ईरान की महिलाएं इस्लामिक कट्टरवाद से लड़ने के लिए सड़कों पर उतर आई हैं. इस आंदोलन का मकसद महिलाओं के लिए हिजाब मुक्त ईरान बनाने का है. लगातार चल रहे प्रदर्शनों के बीच महसा अमीनी नाम की एक लड़की को पुलिस हिरासत में अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इसके बाद से ईरान में अब तक तकरीबन 133 लोगों की मौत हो चुकी है.

(रिपोर्ट: ऋद्धीष दत्ता ) 

 

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