Fact Check: क्या कश्मीर में गाय को तिरंगे के ऊपर रखकर काटा गया?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि गाय को तिरंगे के ऊपर रखकर काटा गया है. इस पोस्ट और तस्वीर में कितनी सच्चाई है, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कश्मीर में गाय को तिरंगे के ऊपर रखकर काटा गया है.
सच्चाई
गाय की तस्वीर कश्मीर की नहीं बल्कि पाकिस्तान की है.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST

सोशल मीडिया पर कश्मीर को लेकर एक ऐसी पोस्ट वायरल हो रही है, जो शायद आपके मन को विचलित कर दे. पोस्ट में चार तस्वीरों का एक कोलाज है, जिसमें कुछ जख़्मी पुलिस वाले दिख रहे हैं और एक तस्वीर में जलते हुए तिरंगे के नीचे खून से लथपथ एक गाय नजर आ रही है. इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में गाय को तिरंगे के ऊपर रखकर काटा गया है.

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पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, 'कश्मीर में तिरंगे के ऊपर रखकर गाय को काटा. अब हिंदुस्तानी नेता दुख प्रकट करेंगे...सिर्फ दुख. भाई लोगों अगर आपने गाय माता का दूध पिया है, तो आपको उस दूध की कसम है कि इन फोटो को पूरे भारत में फैलाकर दूध का कर्ज चुकाओ और हां सिर्फ कट्टर हिन्दू ही शेयर करेगा.'

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि गाय वाली तस्वीर कश्मीर की नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की है. घायल पुलिस वालों की तस्वीरों में एक छोड़कर बाकी तस्वीरों का कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है. जीतेश सिंह नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस पोस्ट को 16 जून 2016 को शेयर किया था. अब लोगों ने इस भ्रामक पोस्ट को दोबारा शेयर करना शुरू कर दिया है. अभी तक ये पोस्ट 23 हजार से भी ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है.

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हमने चारों तस्वीरों को अलग-अलग रिवर्स सर्च कर जानकारी जुटाई. पहली तस्वीर में एक पुलिस वाला किसी को इशारा करते हुए नजर आ रहा है. पुलिस वाले के मुंह से खून निकल रहा है और देखने में लगता है कि वो एक ऐसी जगह पर है, जहां हिंसा हुई हो. हमें ऐसी दो न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिनके मुताबिक ये तस्वीर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला की हैं.

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई 2011 में अगरतला में पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी. इस झड़प में तस्वीर में दिख रहे पुलिस के जवान सहित कुछ और लोग भी घायल हुए थे. हमें ये जानकारी People’s Daily Online और CCTV.COM की न्यूज रिपोर्ट्स में मिली है. तस्वीर में एक जगह बांग्ला में कुछ लिखा हुआ भी दिखा रहा है. यहां पर ये साबित होता है कि ये तस्वीर त्रिपुरा की है.  

दूसरी तस्वीर में कुछ लोग एक जलते हुए तिरंगे को लेकर खड़े हैं और उसके ठीक नीचे एक गाय पड़ी है, जिसके गले से खून बहता हुआ दिख रहा है. इंटरनेट पर इस तस्वीर के बारे में हमें कुछ ख़ास जानकारी नहीं मिली, लेकिन कुछ ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर को पाकिस्तान का बताया था. तस्वीर में भी कुछ ऐसे सबूत हैं, जिन्हें देखकर ये कहा जा सकता है कि तस्वीर पाकिस्तान की है.

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इंटरनेट पर ये तस्वीर हायर रेजोल्यूशन में भी मौजूद है, जिसमें एक होर्डिंग पर 'DIGGER' लिखा हुआ दिख रहा है. खोजबीन करने पर पता चला कि DIGGER पाकिस्तान का एक जूते-चप्पलों का ब्रांड है, जिसे Borjan नाम की एक कंपनी बनाती है.

तस्वीर में कुछ जगह पाकिस्तान का झंडा भी देखा जा सकता है और एक होर्डिंग पर 'PAKISTAN' जैसा कुछ लिखा भी दिख रहा है.

ये तस्वीर भ्रामक दावे के साथ 2017 में भी वायरल थी. उस समय smhoaxslayer ने भी इस तस्वीर को पाकिस्तान का बताया था. ये सब बातें इशारा करती हैं कि तस्वीर पाकिस्तान की है.

तीसरी तस्वीर में एक पुलिस वाले के सिर से खून निकलता हुआ दिख रहा है. ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद शहर की है. अमर उजाला और  Deccan Chronicle की खबर के मुताबिक जून 2014 में फ़िरोज़ाबाद में दो पुलिस कांस्टेबल की हत्या हो गई थी. जिसके बाद गुस्साए लोगों ने विरोध में पुलिस पर पथराव किया था. तस्वीर में दिख रहे पुलिस अफसर आईपीएस वीएस मीणा हैं, जो इस पथराव में घायल हो गए थे.

आखिरी तस्वीर में भी एक जख्मी पुलिस वाला दिख रहा है. तस्वीर को yandex पर रिवर्स सर्च करने पर हमें अमर उजाला की एक खबर मिली, जिसमें इसी पुलिस वाले की दूसरे एंगल से ली गई एक तस्वीर मौजूद थी. खबर के मुताबिक ये तस्वीर जून 2015 में जम्मू-कश्मीर के जम्मू डिस्ट्रिक्ट में हुए भिंडरावाले बवाल की है. इस घटना में पुलिस द्वारा जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर वाला एक बैनर उतारे जाने पर बवाल खड़ा हो गया था. इस बवाल में अन्य सहित तस्वीर में दिख रहा पुलिस का जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गया था.

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यहां पर ये बात साफ होती है कि चारों तस्वीरों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. ये तस्वीरें अलग-अलग जगह की हैं और गाय वाली फोटो को कश्मीर से जोड़कर भ्रम फ़ैलाने की कोशिश की गई है.

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सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
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