फैक्ट चेक: केरल का नहीं है लड़की के साथ यौन हिंसा का वायरल वीडियो, जानें सच्चाई

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि वह व्यक्ति लड़की पर बार-बार हमला करते हुए उसके कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
केरल में लगातार लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करके उन्हें प्र​ताड़ित किया जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक हैं.
सच्चाई
वायरल वीडियो 2017 का यानी तीन साल पुराना और आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का है, जब एक लड़की पर उसके बॉयफ्रेंड ने ही हमला किया था.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:51 PM IST

सोशल मीडिया पर एक परेशान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति किसी सुनसान जगह एक लड़की पर हमला करता हुआ दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो केरल का है और वहां पर ऐसी घटनाएं रोज होती हैं क्योंकि राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक हैं.    

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि वह व्यक्ति लड़की पर बार-बार हमला करते हुए उसके कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा है. इस दौरान लड़की चीख रही है और खुद को जाने देने को कह रही है. हमला कर रहा व्यक्ति लड़की के चीखने-चिल्लाने पर हंसता हुआ दिख रहा है.

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एक दूसरी महिला पीड़ित लड़की को बचाने की कोशिश कर रही है. वीडियो के बैकग्राउंड में एक और आदमी की आवाज सुनाई देती है. 

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये वीडियो 2017 का और आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का है. लड़की के बॉयफ्रेंड ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर लड़की पर हमला किया था.

एक ट्विटर यूजर ने 7 सितंबर को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “केरल में हो रही महिलाओं से छेड़छाड़ का वीडियो यह कोई पहला वीडियो वायरल नहीं इस प्रकार की घटना हर दिन घटित होती है इसका मुख्य उद्देश्य हिन्दुओं का अल्पसंख्यक होना है”.

हालांकि, ये ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया गया, लेकिन उसके पहले ये इंटरनेट पर वायरल हो चुका था. सुप्रीम कोर्ट के वकील और बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी इसे ​रीट्वीट करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग से संज्ञान लेने को कहा. पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां  देखा जा सकता है. 

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इसी भ्रामक दावे के साथ ये पोस्ट फेस​बुक पर भी वायरल है.  

हमारी पड़ताल 

इनविड टूल की मदद से हमने वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स काटकर उन्हें इंटरनेट पर सर्च किया तो हमें इस घटना के बारे में “द टाइम्स ऑफ इंडिया” की एक रिपोर्ट मिली. सितंबर, 2017 की ये रिपोर्ट कहती है कि ये घटना उसी साल प्रकाशम जिले के कणिगिरी कस्बे में घटी थी. बाद में ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब जाकर घटना सामने आई.

द हिंदू” की एक रिपोर्ट के मुताबिक 29 अगस्त, 2017 को एक 19 साल की लड़की पर साई नाम के उसके बॉयफ्रेंड ने हमला किया था. साई के दोस्त कार्तिक और पवन ने ये वीडियो बनाया था. इस अपराध के एक महीने बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. 

पुलिस के बयान के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ित लड़की अपने बॉयफ्रेंड साई से मिलने गई थी. लड़की के साथ उसकी एक सहेली भी थी. साई के पहले लड़की का कार्तिक के साथ प्रेम संबंध था. 

एनडीटीवी” की रिपोर्ट के मुताबिक कार्तिक ने ही साई को लड़की पर हमला करने के लिए उकसाया था और उसी ने इसका वीडियो बनाया, क्योंकि वह लड़की के नए रिश्ते से नाराज था और उससे बदला लेना चाहता था.

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क्या केरल में हिंदू अल्पसंख्यक हैं? 

जनगणना 2011 के मुताबिक केरल की कुल आबादी में 54.7 फीसदी हिंदू हैं. इसके बाद 26.5 फीसदी मुसलमान और 18.3 फीसदी ईसाई हैं. हालांकि, 2016 में “डेक्कन क्रॉनिकल” में छपे एक अध्ययन में कहा गया है कि केरल में 2051 तक हिंदू आबादी घटकर 49.3 फीसदी रह जाएगी.

इस तरह, हम कह सकते हैं कि वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है. तीन साल पुराना ये वीडियो केरल का नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश का है और केरल में हिंदू अल्पसंख्यक नहीं हैं.

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