फैक्ट चेक: जामिया के ये छात्र वक्फ बिल नहीं, अपनी यूनिवर्सिटी के फैसलों के खिलाफ कर रहे थे प्रदर्शन 

दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के प्रदर्शन पर कड़ा रुख अपनाते हुए जामिया प्रशासन ने 17 छात्रों को निलंबित कर दिया है. इस बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये छात्र वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 का विरोध कर रहे थे.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र वक्फ बिल का विरोध कर रहे थे, जिसके लिए पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया.
सच्चाई
जामिया छात्रों के इस प्रदर्शन का वक्फ बिल से कोई लेना-देना नहीं है. छात्र, यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ अपनी अलग-अलग मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया था.

सत्यम तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया  यूनिवर्सिटी में छात्रों के प्रदर्शन पर कड़ा रुख अपनाते हुए जामिया प्रशासन ने 17 छात्रों को निलंबित कर दिया है. इस बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये छात्र वक्फ(संशोधन) बिल, 2024 का विरोध कर रहे थे.   

एक्स और फेसबुक पर जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती का एक वीडियो शेयर करते हुए कुछ लोग लिख रहे हैं, “जामिया में कई दिन से कुछ अराजक CAA की तरह वक़्फ़ बिल पर भी ड्रामा शुरू कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें उठा लिया है, जामिया में फोर्स तैनात है. वो ठग अब दिल्ली में नहीं है, अराजकता की तो नाप दिए जाओगे.” ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि जामिया छात्रों के इस प्रदर्शन में वक्फ बिल का कोई एंगल नहीं है. ये छात्र, जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी अलग-अलग मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया था.

कैसे पता चली सच्चाई? 

जिस वीडियो के साथ वायरल दावा किया जा रहा है, हमें उसका लंबा वर्जन समाचार एजेंसी आईएएनएस के एक्स अकाउंट पर मिला, जहां इसे 13 फरवरी, 2025 को शेयर किया गया था. यहां दी गई जानकारी के अनुसार, पुलिस बल की तैनाती का ये वीडियो उस दिन का है जब कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से कुछ को हिरासत में लिया गया था. इस पोस्ट में प्रदर्शन की वजह वक्फ बिल को नहीं बताया गया है.

   

आईएएनएस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सर्च किया तो हमें जामिया में हो रहे प्रदर्शनों से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, 13 फरवरी की सुबह प्रदर्शन कर रहे करीब 12 छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था, और उसी दिन शाम को उन्हें छोड़ दिया गया था. खबरों में बताया गया है कि ये छात्र दिसंबर 2024 में कैंपस में एक कार्यक्रम करने के लिए पीएचडी छात्रों को दिए गए शो-कॉज नोटिस का विरोध कर रहे थे. गौरतलब है कि इन खबरों में कहीं भी छात्रों के प्रदर्शन को वक्फ बिल के विरोध से संबंधित नहीं बताया गया है.  

Advertisement

क्या है पूरा मामला? 

खबरों के मुताबिक जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 10 फरवरी को कैंपस में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. दरअसल, ये पूरा मामला 2019 की एक घटना से जुड़ा है. 2019 में दिल्ली में सीएए-एनआरसी का विरोध चल रहा था. इसी दौरान 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर जामिया लाइब्रेरी के अंदर घुस कर छात्रों पर लाठीचार्ज किया था. इस दिन को जामिया के छात्र “जामिया प्रतिरोध दिवस” के रूप में मनाते हैं. 2024 में भी 16 दिसंबर को ये दिवस मनाया गया, जिसकी वजह से 17 दिसंबर को प्रशासन ने पीएचडी के कुछ छात्रों को शो-कॉज नोटिस दे दिया और उनसे तीन दिन में जवाब देने को कहा गया.  

जिन छात्रों को शो-कॉज नोटिस मिला था, उनमें से एक सौरभ त्रिपाठी ने आजतक को बताया, “हमने 20 दिसंबर को जवाब दिया था, मगर हमें दो महीने बाद 9 फरवरी, 2025 को हमें एक और नोटिस दिया गया कि हमारे खिलाफ डिसप्लनेरी कमेटी बिठाई जाएगी, जो 25 फरवरी को फैसला लेगी.” सौरभ ने ये भी कहा कि हमारी मांगें जामिया प्रशासन से हैं और इसका वक्फ बिल से कोई संबंध नहीं है. 

आजतक की खबर के अनुसार, प्रशासन ने 9 फरवरी को एक और नोटिस निकाला, जिसमें कहा गया कि कैंपस में बिना परमिशन के प्रोटेस्ट नहीं किया जा सकता है. इसके विरोध में अपनी मांगों के साथ छात्रों ने ये प्रदर्शन शुरू किया था.

Advertisement

खबरों में छात्रों के हवाले से बताया गया है कि “कैंपस में शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. छात्रों का कहना है कि अगर हम कैंपस में अपनी आवाज़ नहीं उठाएंगे, तो कहां जाएंगे.”

छात्रों के प्रदर्शन पर जामिया प्रशासन ने क्या कहा?

जामिया छात्रों के प्रदर्शन को वक्फ बिल का विरोध बताने वाले दावों के बारे में हमने जामिया प्रशासन से बात की. प्रशासन के एक अधिकारी ने आजतक से कहा कि छात्रों के प्रदर्शन का वक्फ बिल से कोई लेना-देना नहीं है. इसके अलावा हमें इन प्रदर्शनों के बारे में जामिया प्रशासन की एक से ज्यादा प्रेस रिलीज मिलीं. इनमें भी वक्फ बिल के विरोध का कहीं जिक्र नहीं किया गया है.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया का आधिकारिक बयान देखने के लिए यहां क्लिक करें   


इसके अलावा छात्रों ने इस मुद्दे को लेकर 17 फरवरी, 2025 को प्रशासन को अपनी मांगों के साथ एक ज्ञापन भी दिया है, इसमें लिखी उनकी मांगों को नीचे देखा जा सकता है. इसमें भी कहीं वक्फ बिल का जिक्र नहीं है.

साफ है, प्रशासन के खिलाफ हो रहे जामिया छात्रों के प्रदर्शन को वक्फ बिल का विरोध बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

खबरों के अनुसार, 13 फरवरी को संसद में वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई थी जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया था. 

---- समाप्त ----

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement