जगद्गुरु रामभद्राचार्य के नाम से एक पोस्टकार्ड सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस पोस्टकार्ड में रामभद्राचार्य का बयान बताकर कुछ आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं. इसमें लिखा है - “हम ब्राह्मण हैं. हमारे अन्दर इतनी शक्तियां होती हैं कि बिना संभोग के बच्चा पैदा हो जाता हैं. हम शादी के बाद तंत्र मंत्र और सिद्धियों से बिना संभोग के बच्चा पैदा कर सकते हैं.”
इस न्यूज पोस्टकार्ड में लिखी बातों को रामभद्राचार्य का असली बयान बताकर कुछ लोग उनपर तंज कस रहे हैं और तीखी आलोचना भी कर रहे हैं. मिसाल के तौर पर एक्स पर एक व्यक्ति ने लिखा, “बिना संभोग कीजिए बच्चा पैदा कर सकता है. लेकिन अपनी शक्तियों से यह अपना ही आंख वापस नहीं ला सकता. अगर इन पोंगा पंडित को यह ढोंगियों को कुछ बोल दिया जाए तो फिर भावनाएं आहत हो जाती है.”
ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
हालांकि आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये पोस्टकार्ड पूरी तरह से फर्जी है. उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
कैसे पता की सच्चाई?
अगर रामभद्राचार्य ने वाकई ऐसा कोई बयान दिया होता तो ये एक बड़ी बात होती और न्यूज आउटलेट्स ने इसपर खबरें भी छापी होतीं लेकिन हमें ऐसी कोई भी न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें उनके इस बयान का जिक्र हो.
इस पोस्टकार्ड पर NBT यानि नवभारत टाइम्स का लोगो देखा जा सकता है. हालांकि वायरल पोस्टकार्ड का फॉन्ट, NBT के असली पोस्टकार्ड के फॉन्ट से बिल्कुल मेल नहीं खाता है. इसके अलावा इसमें स्पेलिंग की भी गलतियां हैं.
NBT के इंस्टाग्राम अकाउंट पर हमें इससे मिलता-जुलता एक पोस्टकार्ड मिला. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इसका कलर, स्टाइल और इसपर रामभद्राचार्य की तस्वीर का प्लेसमेंट सबकुछ वायरल पोस्टकार्ड से हूबहू मिलता है लेकिन इसमें छपा रामभद्राचार्य का बयान वायरल पोस्टकार्ड से बिल्कुल अलग है.
NBT के इस असली पोस्टकार्ड में रामभद्राचार्य का वो बयान छपा है जिसमें उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती की आलोचना की थी. इसमें लिखा है - “मैं अब ममता बनर्जी को बहन नहीं कह सकता, अब तो जयचंद, मानसिंह, मोहम्मद गोरी, चंगेज खान, महमूद गजनवी जैसे गद्दारों की बहन हैं, हमारी नहीं.”
साफ है कि इसी पोस्टकार्ड के साथ छेड़छाड़ करके इसमें रामभद्राचार्य का असली बयान हटाकर मनगढ़ंत बयान लगा दिया गया. NBT ने भी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया है कि उनके नाम से वायरल हो रहा ये पोस्टकार्ड पूरी तरह से फर्जी है.
हमने इस सिलसिले में रामभद्राचार्य की टीम से भी बात की. उनकी टीम ने भी इसे पूरी तरह से फर्जी बताया.
रिपोर्ट: अभिषेक पाठक
फैक्ट चेक ब्यूरो