फैक्ट चेक: राजस्थान में हुई पुलिस पिटाई का पुराना वीडियो यूपी का बताकर हुआ शेयर

इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और सुरक्षाबल के लोग मिलकर दो युवकों को पकड़कर डंडे से पीटते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो यूपी का है और पुलिस सीएम योगी को काले झंडे दिखाने वाले व्यक्ति को पीट रही है. आजतक की टीम ने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
पुलिस से मार खा रहे इन लोगों ने सीएम योगी को काले झंडे दिखाए थे जिसके बाद यूपी पुलिस ने इन्हें ऐसे सबक सिखाया. 
सच्चाई
ये वीडियो न तो अभी का है और न ही यूपी का. 2018 का ये वीडियो राजस्थान का है. 

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और सुरक्षाबल के लोग मिलकर दो युवकों को पकड़कर डंडे से पीटते हुए दिख रहे हैं.

वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है. दावा है कि मार खा रहे लोगों ने सीएम योगी को काले झंडे दिखाए थे जिसके बाद यूपी पुलिस ने इन्हें ऐसे सबक सिखाया.

Video

वीडियो शेयर कर एक यूजर ने लिखा है, “यूपी में नेपाल समझ रखा योगी बाबा की पुलिस ने डेंटिंग पेंटिंग कर दिया”. 

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ये वीडियो सितंबर में भी काफी वायरल हुआ था. उस समय दावा किया गया था कि इन लोगों ने राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा को काले झंडे दिखाए थे इसलिए इनकी पिटाई की गई.  लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो अभी का है और न ही यूपी का. 2018 का ये वीडियो राजस्थान का है. 

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो को गूगल लेंस और कीवर्ड की मदद से सर्च करने पर हमें ये 2018 के कई पोस्ट्स में मिला. 9 सितंबर, 2018 को राजस्थान के हनुमानगढ़ के एक पत्रकार परदीप पाल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया था कि उन्होंने ही इसे शूट किया है.

वीडियो के साथ उन्होंने बताया था कि ये घटना हनुमानगढ़ के हिसारिया हॉस्पिटल के पास की है. इस जगह से राज्य की तत्कालीन सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे का काफिला निकल रहा था.

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इस दौरान यूथ कांग्रेस के नेता रोहित स्वामी और एसएफआई के नासिर खान ने वसुंधरा राजे को काले झंडे दिखाए थे और इनके खिलाफ नारेबाजी की थी. इसके चलते पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर लिया था और जमकर पिटाई की थी. कुछ मीडियाकर्मी भी इसकी चपेट में आ गए थे. इस मामले पर लोकल खबरें भी छपी थी.

खबरों के मुताबिक, 2019 में राजस्थान हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान भी लिया था.

हमने गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू से भी इस बात की पुष्टि की कि वीडियो में दिख रही जगह हनुमानगढ़ में ही है.

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