फैक्ट चेक: पहलगाम में पर्यटकों को मरते देख हंस रहे थे लोकल कश्मीरी? ये वीडियो पुराना है

फैक्ट चेक से पता चला कि इस वीडियो का पहलगाम घटना से कोई संबंध नहीं है. वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर यह "Aapna Kashmir" नामक यूट्यूब चैनल पर मिला, जहां इसे 3 अप्रैल को अपलोड किया गया था. इसमें कोई उल्लेख नहीं है कि वीडियो कहां और कब का है. इसी तरह, एक यूट्यूब शॉर्ट्स में भी इस वीडियो को 3 अप्रैल को अपलोड किया गया था.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो उस समय का है जब पहलगाम में पर्यटकों को मारा जा रहा था और कश्मीर के स्थानीय लोग ये देखकर हंस रहे थे.
सच्चाई
इस वीडियो का पहलगाम की घटना से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि ये उससे कई दिन पहले का है.

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST

पहलगाम हमले से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इसमें दो लोग किसी मैदानी इलाके में जमीन पर बैठे दिख रहे हैं. अचानक गोली चलने जैसी आवाज आती है और दोनों में एक लड़का जमीन पर लेट जाता है. 

गौर करने वाली बात है कि वीडियो में गोली जैसी आवाज आने के बाद कुछ लड़कों के हंसने की आवाज आती है. कई लोगों का कहना है कि ये वीडियो उस समय का है जब पहलगाम में पर्यटकों को मारा जा रहा था और कश्मीर के स्थानीय लोग इसे देखकर हंस रहे थे. 

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वीडियो के साथ यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, “सामने टूरिस्टों को गोली मारकर हत्या हो रही है और लोकल काश्मीरी सुअर हंस रहे हैं. इस विडियो के बाद भी कोई वामपंथी ****** काश्मीरीयत की शहनाई बजाता मिल जाये
तो जूते उतार कर मारना”.

इसी तरह के कैप्शंस साथ वीडियो को एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सैकड़ों यूजर्स शेयर कर चुके हैं.

गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. एक, जो कश्मीरियों को आतंकियों का हिमायती बता रहा है, और दूसरा, जिसका मानना है कि इसकी सजा बेकसूर कश्मीरियों और मुस्लिमों को नहीं मिलनी चाहिए. इसी संदर्भ में ये पोस्ट वायरल हो रहा है.  

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का पहलगाम की घटना से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि ये इससे कई दिन पहले का है. 

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वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से ये हमें “Aapna Kashmir” नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे 3 अप्रैल को शेयर किया गया था. हालांकि, इस पोस्ट में वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. 

एक यूट्यूब शॉर्ट्स में भी इस वीडियो को 3 अप्रैल को अपलोड किया गया था. कुछ लोगों ने वीडियो को पहलगाम हमले से पहले मौज लेते हुए भी शेयर किया था.

हम यहां ये नहीं कह सकते कि वीडियो कब और कहां का है. साथ ही इस बात की भी पुष्टि करना मुश्किल है कि वीडियो में गोली चलने की आवाज आ रही है या किसी और चीज की. लेकिन एक बात साफ है कि वीडियो पहलगाम घटना वाले दिन का नहीं है.

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