फैक्ट चेक: मध्य प्रदेश की महिला अधिकारी की तस्वीर मनगढ़ंत कहानी के साथ हुई वायरल

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पिता और उसकी बेटी के संघर्ष से जुड़ी एक भावुक कर देने वाली पोस्ट खूब वायरल है. पोस्ट में एक तस्वीर है जिसमें एक महिला को मध्य प्रदेश शासन के तहसीलदार की गाड़ी के पास खड़ा देखा जा सकता है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक होटल के दयालु मालिक ने एक गरीब होनहार लड़की के हाईस्कूल टॉप करने की खुशी में पार्टी दी. कुछ सालों बाद जब लड़की जिले में कलेक्टर बन गई तो उसने उन्हीं होटल वालों का नागरिक सम्मान किया.
सच्चाई
तस्वीर में दिख रही महिला का इस कहानी से कोई लेना-देना नहीं है. ये महिला आईएएस नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में राज्य सेवा आयोग की एक अधिकारी हैं.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पिता और उसकी बेटी के संघर्ष से जुड़ी एक भावुक कर देने वाली पोस्ट खूब वायरल है. पोस्ट में एक तस्वीर है जिसमें एक महिला को मध्य प्रदेश शासन के तहसीलदार की गाड़ी के पास खड़ा देखा जा सकता है. पोस्ट में बताया गया है कि कैसे एक होटल के दयालु मालिक ने एक गरीब होनहार लड़की के हाईस्कूल टॉप करने की खुशी में पार्टी दी. कुछ सालों बाद वह लड़की जिले में कलेक्टर बन गई तो उसने उन्हीं होटलवालों का नागरिक सम्मान किया और धन्यवाद दिया. पोस्ट में लिखी बातों को तस्वीर में दिख रही महिला से जोड़ा जा रहा है. कमेंट में यूजर्स होटलकर्मी की दरियादिली और लड़की की मेहनत की जमकर सराहना कर रहे हैं. पूरी कहानी को नीचे पोस्ट में पढ़ा जा सकता है.

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. तस्वीर में दिख रही महिला का इस कहानी से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही, तस्वीर में दिख रही महिला आईएएस नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में राज्य सेवा आयोग की एक अधिकारी हैं.

ये पोस्ट फेसबुक पर लगभग पांच हजार बार शेयर हो चुकी है. ज्यादातर लोग यही समझ रहे हैं कि ये भावुक कहानी तस्वीर वाली लड़की और उसके पिता के संघर्ष को बताती है. फेसबुक पर ये पोस्ट कई और भी लोगों ने साझा की है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

कैसे पता की सच्चाई?

तस्वीर को 'यांडेक्स' पर रिवर्स सर्च करने पर हमें अवंतिका तिवारी नाम की एक महिला की इंस्टाग्राम प्रोफाइल मिली. इस प्रोफाइल में वायरल तस्वीर भी मौजूद थी जिसे पिछले महीने अपलोड किया गया था. इंस्टाग्राम बायो और प्रोफाइल पर मौजूद कुछ अन्य तस्वीरों से हमें पता चला कि अवंतिका तिवारी मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तहसीलदार हैं.  

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पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने अवंतिका तिवारी से बात की. अवंतिका ने इस बात की पुष्टि की कि ये तस्वीर उन्हीं की है जिसके साथ झूठ फैलाया जा रहा रहा है. अवंतिका के मुताबिक, उनके साथ बचपन में ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ. वे मध्यम वर्ग परिवार से आती हैं और उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं. अवंतिका ने बताया कि वे खुद इस पोस्ट को लेकर साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाने वाली हैं. भोपाल की रहने वाली अवंतिका सरकारी अफसर के साथ-साथ एक होम्योपैथी डॉक्टर भी हैं. वे मध्य प्रदेश राज्य सेवा आयोग में साल 2015 में चयनित हुई थीं. वायरल तस्वीर अवंतिका के पन्ना स्थित घर की है.

इस तरह ये साबित हो जाता है कि अवंतिका तिवारी की एक तस्वीर को मनगढ़ंत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. हो सकता है कि ऐसा वाकया किसी के साथ हुआ हो, लेकिन अवंतिका के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ. गरीब पिता की होनहार बेटी से जुड़ी इस तरह की भ्रामक पोस्ट पहले भी वायरल हो चुकी हैं. इंडिया टुडे इसका खंडन करते हुए खबर भी प्रकाशित कर चुका है.

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