फैक्ट चेक: क्या अब वकीलों को नहीं देना होगा टोल टैक्स?

फेसबुक यूजर AdvJagdish Garg ने एक सरकारी चिट्ठी का फोटो अपलोड करते हुए लिखा कि वकीलों को अब नहीं देना होगा टोल टैक्स. चिट्ठी को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह चिट्ठी 3 दिसंबर को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के निजी सचिव संकेत भोंडवे ने लिखी है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वकीलों को अब नहीं देना होगा टोल टैक्स.
सच्चाई
वकीलों को अबतक टोल टैक्स से छूट नहीं मिली है.

विद्या

  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

पिछले दिनों वकीलों और डॉक्टरों के नेशनल हाइवे पर टोल देने से छूट मांगने की खबर आई थी, लेकिन क्या वकीलों को ये छूट मिल गई है? सोशल मीडिया की मानें तो ऐसा हो चुका है.

क्या है दावा?

फेसबुक यूजर 'AdvJagdish Garg' ने एक सरकारी चिट्ठी का फोटो अपलोड करते हुए लिखा, 'वकीलों को अब नहीं देना होगा टोल टैक्स.' चिट्ठी को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह चिट्ठी 3 दिसंबर को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के निजी सचिव संकेत भोंडवे ने लिखी है. ये चिट्ठी बेंगलुरु के वकील रवि गौड़ा के नाम लिखी गई है.

Advertisement

इस चिट्ठी में लिखा है कि '1 दिसंबर 2019 को आपके पत्र के अनुसार, मुझे सूचित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि भारत के सभी राज्यों के सभी वकीलों को सभी टोलों में टोल शुल्क का भुगतान करने से स्थायी रूप से छूट दी गई है. वकीलों की आईडी दिखाई जाए.'

इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए कुछ लोगों ने खुशी जताई है तो कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां  देखा जा सकता है.

कुछ इसी तरह से एक और सरकारी चिट्ठी इसी दावे से वायरल हो रही है जो कि संकेत भोंडवे के लेटरहेड पर ही लिखी हुई है. फेसबुक यूजर 'Amarendra Rai Advocate Highcourt Allahabad 9911492306'  ने चिट्ठी अपलोड करते हुए लिखा है, 'अब वकीलों को टोल टैक्स नहीं देना होगा.' इस सरकारी चिट्ठी में देखा जा सकता है कि यह चेन्नई के वकील भास्करडॉस को लिखी गई है.

Advertisement

इस चिट्ठी में लिखा है, 'सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के कार्यालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स के भुगतान से छूट सूची में 'वकीलों' को सूचीबद्ध करने और राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना टोल दिए गुज़रने के लिए स्टेट बार काउंसिल के दिए पहचान पत्र की स्वीकृति देने के संबंध में दिनांक 13.11.2019 को आपका पत्र प्राप्त किया है. इस संबंध में आपको सूचित करना चाहेंगे कि आवश्यक कार्यवाही करने के लिए आपका पत्र अध्यक्ष, NHAI को भेज दिया गया है.' इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां  देखा जा सकता है.

वायरल पोस्ट में दोनों ही चिट्ठियां एक ही आईएएस अधिकारी, संकेत भोंडवे की लग रही हैं.

क्या है सच?

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वकीलों को टोल टैक्स से कोई छूट नहीं मिली है. आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे की चिट्ठी के साथ छेड़छाड़ की गई है.

AFWA की पड़ताल

हमने सबसे पहले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का सोशल मीडिया अकाउंट खंगाला तो पाया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 11 दिसंबर को ही ट्वीट  के जरिये ये साफ किया कि वकीलों को राज्यमार्ग पर टोल टैक्स से छुटकारा नहीं मिला है.

इंटरनेट पर कुछ न्यूज आर्टिकल मौजूद हैं जो दिखाते हैं कि संकेत भोंडवे ने चेन्नई के वकील भास्करडॉस को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन इस खबर में ये जिक्र कहीं नहीं है कि वकीलों की इस मांग को मान लिया गया है.

Advertisement

भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो ने भी ट्वीट  के जरिये ये साफ किया कि बेंगलुरु के वकील रवि गौड़ा के नाम लिखी चिट्ठी फर्ज़ी है. इसी के साथ हमने आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे से भी बात की. उन्होंने बताया कि वकील रवि गौड़ा के नाम लिखी गई चिट्ठी फर्ज़ी है और वकीलों को टोल से छूट नहीं मिली है.

निष्कर्ष

इस तरह स्पष्ट है कि वकीलों को राष्ट्रीय मार्गों पर यात्रा करने के लिए अब भी टोल टैक्स देना होगा. आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे की चिट्ठी से छेड़छाड़ हुई है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement