झारखंड में 13 नवंबर को पहले चरण की वोटिंग है और इसी संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें वो कहते दिख रहे हैं कि "राज्य में किसी को भी कफन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सभी लोगों को कफन मुफ्त दिया जाएगा, इसका निर्णय लिया जाता है." वीडियो शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स तंज कस रहे हैं कि मुफ्त में कफन मुहैया कराना, सोरेन का चुनावी वादा है.
एक फेसबुक यूजर ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "झारखंड के मुख्यमंत्री Hemant Soren जी प्रत्येक वादा से तो मुकर गए पर इस बार मुख्यमंत्री के पक्ष में वोट गया तो झारखंड के लोगों को मुफ़्त में कफन जरूर देंगे!!"
ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि हेमंत सोरेन ने मुफ्त में कफन मुहैया कराने की ये घोषणा साल 2021 में की थी जब लोगों को लॉकडाउन के चलते कफन मिलने में परेशानी हो रही थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें ये वीडियो नवभारत टाइम्स की 25 मई, 2021 की एक यूट्यूब रिपोर्ट में मिला. इसकी शुरुआत में ही वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है. रिपोर्ट देखकर समझ में आता है कि सोरेन ने ये ऐलान कोरोना की दूसरी लहर के वक्त किया था.
मई 2021 में सोरेन के इस ऐलान से संबंधित और भी कई खबरें छपी थीं.
हिन्दुस्तान की 25 मई, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, उस वक्त लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद होने की वजह से लोगों को कफन खरीदने में दिक्कत आ रही थी.
सोरेन सरकार के इस निर्णय को लेकर उस वक्त काफी विवाद हुआ था. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, उस वक्त बीजेपी ने इसे बचकाना निर्णय बताते हुए कहा था कि लोगों को मुफ्त दवाइयां, वैक्सीन और राशन उपलब्ध कराने की जगह सोरेन सरकार कफन उपलब्ध करा रही है.
वहीं, हेमंत सरकार ने उस वक्त पलटवार करते हुए ट्वीट किया था कि झारखंड सरकार मुफ्त वैक्सीन भी दे रही है.
साफ है, हेमंत सोरेन का लॉकडाउन के समय का एक पुराना वीडियो हाल-फिलहाल के चुनाव के संदर्भ में शेयर किया जा रहा है.
फैक्ट चेक ब्यूरो