फैक्ट चेक: बदायूं में कंधे पर शव ले जाते पुलिसकर्मी के नाम पर शेयर हो रही है एक साल पुरानी आगरा की तस्वीर

कोरोना की दूसरी लहर के बीच पिछले कई दिनों से गंगा नदी के किनारे लाशें मिलने की भयावह तस्वीरें और आंकड़े सामने आ रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर लाश को कंधे पर उठाकर ले जा रहे पुलिसकर्मी की एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की है जहां एम्बुलेंस न उपलब्ध होने के कारण पुलिसकर्मी अपने कंधे पर रखकर लाश को ले गए.
सच्चाई
ये तस्वीर बदायूं की नहीं, आगरा की है. आगरा के जिस गांव के तालाब में शव मिला था, वहां तक एम्बुलेंस नहीं जा सकती थी, लिहाजा दो पुलिसकर्मी इसे अपने कंधे पर रखकर एम्बुलेंस तक ले गए थे. 

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2021,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

कोरोना की दूसरी लहर के बीच पिछले कई दिनों से गंगा नदी के किनारे लाशें मिलने की भयावह तस्वीरें और आंकड़े सामने आ रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर लाश को कंधे पर उठाकर ले जा रहे पुलिसकर्मी की एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है.

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने इस फोटो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है, “ये पुलिसवाला एक ऐसे व्यक्ति के शव को अपने कंधों पर लेकर जा रहा है, जिसके परिवार तक ने उसे छोड़ दिया. इस पुलिसकर्मी का सम्मान किया जाना चाहिए. पर सवाल ये उठता है कि वो एम्बुलेंस और शवयान वाहन कहां हैं जिनकी पर्याप्त उपलब्धता का दावा सरकार कर रही है? भाजपा सरकार मृतकों को भी उचित सम्मान नहीं दे पा रही है. दुखद और शर्मनाक.” 

Advertisement

 

 

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां  देखा जा सकता है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो बदायूं की नहीं आगरा की है जहां बीते साल एक तालाब में लावारिस लाश मिली थी. लाश को दो पुलिसकर्मी कंधे पर रखकर एम्बुलेंस तक ले गए थे.  फेसबुक पर ये दावा काफी वायरल है.

क्या है सच्चाई 

हमें उत्तर प्रदेश पुलिस के डीएसपी संदीप वर्मा की एक फेसबुक पोस्ट मिली, जिसमें उन्होंने बताया है कि वायरल फोटो में शव को अपने कंधे पर ले जाते पुलिसकर्मी का नाम प्रशांत सिंह है. हमने आगरा के एत्माद्दौला थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रशां​त सिंह से संपर्क किया जिन्होंने  इस बात की पुष्टि की कि ये फोटो आगरा का है और पिछले साल का है. उन्होंने बताया, “पिछले साल मैं आगरा के फतेहपुर सीकरी थाने में तैनात था.

Advertisement

वहां पास ही स्थित कछपुरा गांव के एक तालाब में एक अज्ञात शव पाए जाने की सूचना मिली तो मैं कुछ साथियों के साथ वहां गया. शव किसी बुजुर्ग का था और काफी क्षत-विक्षत हालत में था. जिस तालाब के पास शव मिला, वो गांव के काफी अंदर था जहां तक एम्बुलेंस नहीं जा सकती थी. लिहाजा, मैं और अमन शव को कंधे पर रखकर तकरीबन आधा किलोमीटर तक लाए और फिर उसे एम्बुलेंस में रखा.” 

प्रशांत ने हमें उस घटना का एक वीडियो भेजा, जिसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि शव को कंधे पर ले जाते पुलिसकर्मी कैसे गांव की संकरी पगडंडियों से होकर गुजर रहे हैं. 

 

प्रशांत की भेजी हुई एक तस्वीर एक फेसबुक यूजर ( ) ने 7 अप्रैल 2020 को शेयर की थी. यानी, ये बात साफ हो जाती है कि वायरल फोटो न तो बदायूं की है और न ही वर्तमान की है. ये कम से कम एक साल पुरानी फोटो है. 

( उदय गुप्ता के इनपुट के साथ ) 
 

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement