फलों और सब्जियों पर आर्टिफिशियल रंग छिड़क कर उसे रंगते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. कई छोटी-छोटी क्लिप्स से मिलकर बना ये वीडियो किसी बड़ी फैक्ट्री का लग रहा है. इसमें यूनिफॉर्म पहने हुए कुछ लोग कई तरह के फलों और सब्जियों को केमिकल वाले पानी में डालकर रंगते हुए भी नजर आ रहे हैं.
इसके अलावा ये लोग अलग-अलग रंगों वाले स्प्रे का भी इस्तेमाल करते दिखाई देते हैं. इससे सब्जियां और फल पलभर में ताजे हो जाते हैं और आकर्षक भी दिखते हैं. कुछ लोगों की मानें तो ये वीडियो चीन का है. वीडियो को शेयर करते हुए लोग चीन पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने का भी आरोप लगा रहे हैं.
वीडियो को फेसबुक पर शेयर कर एक व्यक्ति ने लिखा, “चीन सच में जहर बेच रहा है, लगता है दुनियाँ को यही लोग खत्म करने मानेगे.” ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये असली वीडियो नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से बनाया गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
गौर से देखने पर वीडियो में कुछ गड़बड़ियां नजर आती हैं जिससे इसके एआई से बने होने का शक पैदा होता है. मिसाल के तौर पर वीडियो में एक जगह हरे अंगूरों को केमिकल वाले पानी में डुबाया जाता है लेकिन अंगूर डूबते नहीं हैं और अगले ही पल अपने-आप ही बदले हुए रंग के साथ ऊपर आ जाते हैं.
एक क्लिप में, दो भारी मशीनों से धातु की ट्रे पर रखे हुए फल बाहर आते हैं जिन्हें रंगा जाता है. एक लाइन में तो फलों का रंग हरे से बदलकर गुलाबी हो जाता है लेकिन दूसरी लाइन में रंग बिल्कुल भी नहीं बदलता. इसके अलावा कुछ जगह जहां स्प्रे का छिड़काव नहीं हो रहा है, वहां भी फलों का रंग बदल जाता है.
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसके कई दूसरे वर्जन भी मिले. ऐसे ही एक वीडियो में ठीक ऊपर बायीं ओर AI का वाटरमार्क लगा हुआ है. इसके अलावा बिल्कुल नीचे चाइनीज भाषा में कुछ लिखा हुआ है जिसका हिंदी अनुवाद है - “वीडियो फुटेज डिजिटली कंपोजिटेड है और असल में मौजूद नहीं है.”
हमें ‘@huqiuju’ नाम के टिकटॉक अकाउंट पर इसका असली वीडियो मिल गया. यहां इसे 26 नवंबर को अपलोड किया गया था. यहां इस वीडियो के साथ क्रियेटर ने ‘AI जेनरेटेड’ का लेबल लगाया है. इस अकाउंट पर AI से बने और वायरल वीडियो से मिलते-जुलते ढेरों वीडियो मौजूद हैं.
साफ है कि फलों और सब्जियों को केमिकल रंगों से स्प्रे किए जाने वाला ये वीडियो असली नहीं है. इसे AI से बनाया गया है.
फैक्ट चेक ब्यूरो