सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है जिसमें एक कार अचानक सड़क के किनारे की ओर मुड़ती है और पैदल चल रहे कुछ लोगों को कुचल कर चली जाती है.
इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बलिया में एक मुस्लिम महिला अपनी बच्ची के साथ सड़क के किनारे पैदल चल रही थी. इसी बीच एक आल्टो पीछे से आई और जानबूझकर दोनों को कुचल कर चली गई. सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि यह देश में बढ़ रहे इस्लामोफोबिया का परिणाम है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. इस घटना में पीड़ित मुस्लिम नहीं हैं. उनकी पहचान ऊषा देवी और उनकी बेटी पुष्पांजलि के रूप में हुई है.
फेसबुक यूजर “Abid Ali” यह वीडियो शेयर करते हुए हिंदी में लिखा है, “#Islamophobia_in_India. ये कल की घटना है #यूपी में बलिया जिले के रसड़ा इलाके की सड़क के किनारे एक #मुस्लिम नकाबपोश #औरत_अपने_बच्ची के साथ जा रही थी पीछे से एक #ऑल्टो_वाला_जानबूझकर_गाड़ी_किनारे ले जाकर उस #नकाबपोश_महिला और उसकी #बच्ची पर #चढ़ा देता जिनसे दोनों वहीं दम तोड़ देते हैं क्या किया था इस #बेगुनाह औरत और उसकी #बच्ची ने जो सरे आम #सड़कों पर मार दिया जाता है? ये #नफरत फैल चुकी है इस देश में... मुसलमान कोरोना और इन #नफरती लोगो,, दोनों से लड़ रहा है देश में।”
स्टोरी लिखे जाने तक इस वीडियो को 1,17,000 लोग देख चुके हैं और 15,000 से ज्यादा लोगों ने इसे शेयर किया है. पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
हमारी पड़ताल
कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमें इस वायरल क्लिप के बारे में “News18 UP Uttarakhand” का एक यूट्यूब वीडियो मिला. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा की है, जहां एक हिट-एंड-रन केस में एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई. इस वीडियो से इस बात की पुष्टि हुई कि यह घटना बलिया की है.
हमें इस घटना से संबंधित कुछ न्यूज रिपोर्ट भी मिलीं. “अमर उजाला” की रिपोर्ट कहती है कि यह घटना 26 अप्रैल की है. दुर्घटना में मारी गई महिला की पहचान ऊषा देवी और बच्ची की पहचान उसकी बेटी पुष्पांजलि के रूप में हुई है.
इस घटना की पुष्टि के लिए हमने बलिया पुलिस से संपर्क किया. रसड़ा के एसएचओ सौरभ कुमार राय ने स्पष्ट किया कि पीड़ित मुस्लिम नहीं थे और यह घटना सांप्रदायिक नहीं है. पीड़ितों की पहचान ऊषा देवी और उनकी बेटी पुष्पांजलि के रूप में हुई है. पुलिस ने कार की पहचान कर ली है और आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
बलिया पुलिस ने इस घटना के संबंध में एफआईआर की कॉपी भी ट्विटर पर पोस्ट की है. एफआईआर से भी स्पष्ट होता है कि पीडिता का नाम ऊषा देवी (27) और उनकी बेटी का नाम पुष्पांजलि (12) है.
इस तरह स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा झूठा है कि सांप्रदायिक कारणों से मुस्लिम महिला और उसकी बेटी को जानबूझ कर कुचल दिया गया. यह मामला न तो सांप्रदायिक है और न ही पीड़ित मुस्लिम समुदाय से है.
अर्जुन डियोडिया