कौन हैं 106 साल के श्याम सरन नेगी? जो हैं भारत के पहले वोटर, जानें कैसे लगा था उनका पता

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को वोटिंग होगी. लेकिन पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग शुरू हो चुकी है. बुधवार को 106 साल के श्याम सरन नेगी ने पोस्टल बैलेट से वोट डाला. नेगी भारत के पहले और सबसे बुजुर्ग वोटर हैं. उन्होंने 25 अक्टूबर 1951 को पहला वोट डाला डाला था.

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श्याम सरन नेगी किन्नौर जिले के कल्पा गांव के रहने वाले हैं. श्याम सरन नेगी किन्नौर जिले के कल्पा गांव के रहने वाले हैं.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

झुर्रियों से भरा चेहरा, कमजोर शरीर और लड़खड़ाते कदम. बिना सहारे के चल भी नहीं सकते. ये श्याम सरन नेगी हैं, जो भारत के पहले और सबसे बुजुर्ग वोटर हैं. नेगी हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 280 किलोमीटर दूर किन्नौर जिले के कल्पा गांव के रहने वाले हैं. 

नेगी की उम्र लगभग 106 साल की हो चुकी है. अपनी उम्र और शारीरिक तकलीफों के बावजूद नेगी हर बार वोट डालते हैं. बुधवार को उन्होंने कल्पा गांव में अपने घर से पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला. ये पहली बार था जब नेगी ने पोस्टल बैलेट से वोट दिया. वरना वो हर बार चलकर पोलिंग बूथ तक जाते थे और वोट देते थे.

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श्याम सरन नेगी को मास्टर श्याम सरन भी कहते हैं. वो इसलिए क्योंकि नेगी सरकारी स्कूल में टीचर रहे हैं. 1951 में पहले लोकसभा चुनाव में उन्होंने वोट दिया था. तब से अब तक 16 लोकसभा और 14 विधानसभा चुनावों में वोट दे चुके हैं. इतना ही नहीं, पंचायत चुनावों में भी वो वोट देने जाते हैं. 

बुधवार को वोट डालने के बाद नेगी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए देश के हर नागरिक को वोट देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें वोट देने के अधिकार पर गर्व महसूस करना चाहिए, क्योंकि ये राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए सही प्रतिनिधि चुनने में मदद करता है. 

बुजुर्ग हैं, लेकिन युवाओं को मोटिवेट करते हैं

श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को हुआ था. वो कल्पा में लकड़ी के बने घर में रहते हैं. 1947 में आजादी के मिलने के बाद 1951-52 में भारत में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे. 

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वैसे तो पहले आम चुनाव में फरवरी-मार्च 1952 में वोट डाले जाने थे. लेकिन हिमाचल में बर्फबारी की आशंका के चलते चार-पांच महीने पहले ही चुनाव करा लिए गए थे.

नेगी ने 25 अक्टूबर 1951 को वोट डाला था. तब से उन्होंने कोई भी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव छोड़ा नहीं. हर चुनाव में वोट डालते हैं.

नेगी कहते हैं कि जब उनके जैसा बुजुर्ग वोट डाल सकता है तो युवा क्यों नहीं जा सकते. वो अक्सर वोट डालने की अपील करते हैं. 

2010 में तब के मुख्य चुनाव अधिकारी नवीन चावला उनसे मिलने गए थे. चावला ने नेगी को सम्मानित भी किया था. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले गूगल ने नेगी पर एक फिल्म 'प्लेज टू वोट' भी बनाई थी. 2015 में आई बॉलीवुड फिल्म 'सनम रे' में भी नेगी नजर आए थे.

नेगी पहले पोलिंग बूथ जाकर ही वोट डालते थे. (फाइल फोटो-PTI)

कैसे पता चला था कि वही पहले वोटर हैं?

इसकी कहानी भी दिलचस्प है. चुनाव आयोग को 45 साल लग गए थे भारत का पहला वोटर खोजने में. 2007 में चुनाव आयोग ने पहले वोटर की पहचान करने का काम शुरू किया. उस समय मनीषा नंदा हिमाचल की मुख्य चुनाव अधिकारी थीं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब पहले वोटर की पहचान करने का काम शुरू हुआ तो इलेक्टोरल रोल खंगाले गए. मनीषा नंदा ने उस समय बताया था कि उनकी नजर नेगी की एक तस्वीर पर पड़ी. तब उनकी उम्र 90-91 साल लिखी हुई थी. मनीषा नंदा ने किन्नौर की तत्कालीन डीसी सुधा देवी को नेगी से मिलने को कहा.

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सुधा देवी ने नेगी का इंटरव्यू भी लिया था. इसके बाद नेगी के दावे की पड़ताल की गई और सामने आया कि वो सही कह रहे थे. सारे दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद साबित हुआ कि नेगी ही पहले वोटर थे.

हिमाचल में कब हैं चुनाव?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है. यहां की 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को वोटिंग होगी. जबकि, नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

हिमाचल में इस बार भी मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है. हालांकि, इस बार लड़ाई में आम आदमी पार्टी भी मैदान में हैं. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 44 और कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

 

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