विदेशी फंडिंग लेकर AAP ने किन नियमों का उल्लंघन किया? जानें- अब आगे क्या हो सकता है

कथित शराब घोटाले में फंसी आम आदमी पार्टी अब विदेशी फंडिंग में फंसती दिख रही है. ईडी ने गृह मंत्रालय को सौंपे डोजियर में आम आदमी पार्टी पर अमेरिका-कनाडा समेत कई देशों से फंडिंग लेने का आरोप लगाया है. पार्टी पर 7 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग का आरोप है.

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आम आदमी पार्टी पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगा है. (फाइल फोटो) आम आदमी पार्टी पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगा है. (फाइल फोटो)

श्रेया चटर्जी

  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST

आम आदमी पार्टी अब नई मुसीबत में फंसती दिख रही है. आम आदमी पार्टी पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गृह मंत्रालय को एक डोजियर सौंपा है. इसमें पार्टी पर 2014 से 2022 के बीच 7.08 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगा है. 

ईडी ने गृह मंत्रालय को बताया है कि आम आदमी पार्टी को अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और ओमान जैसे कई देशों से फंडिंग मिली है.

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ये भी आरोप लगाया है कि अमेरिका और कनाडा में पार्टी ने फंड जुटाने के लिए कैंपेन चलाया. विदेशी फंडिंग के मामले में फंसने से बचने के लिए पार्टी ने अकाउंट बुक में डोनर्स की असली पहचान को भी छिपाया. 

वहीं, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे पार्टी को बदनाम करने की राजनीतिक साजिश बताया.

AAP की विदेशी फंडिंग की चल रही थी जांच!

इसी साल फरवरी में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि आम आदमी पार्टी की फंडिंग से जुड़ा एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है.

गृह मंत्रालय ने बताया था कि राजनीतिक पार्टियों की विदेशी फंडिंग से जुड़े मामलों में हाईकोर्ट में तीन हलफनामे दायर किए गए हैं. इन हलफनामों की कॉपी चुनाव आयोग को भी भेजी गई है.

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इसी तरह आम आदमी पार्टी की फंडिंग से जुड़े मामले में भी एक हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल किया गया है.

AAP ने किन नियमों का किया उल्लंघन?

आम आदमी पार्टी पर फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) की धारा 3 के उल्लंघन का आरोप है. ये धारा राजनीतिक पार्टियों की विदेशी फंडिंग को प्रतिबंधित करती है. 

इस कानून की धारा 3 में कहा गया है कि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार, किसी भी सदन का कोई सदस्य, राजनीतिक पार्टी या उसका कोई पदाधिकारी या राजनीतिक संगठन विदेश से चंदा नहीं ले सकता.

इसके अलावा AAP पर जनप्रतिनिधि कानून की धारा 29B का उल्लंघन करने का आरोप भी है. इस कानून की धारा 29B कहती है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी भी विदेशी सोर्स से कोई फंड नहीं ले सकता. 

यह भी पढ़ें: क्या है 133 करोड़ रुपये के खालिस्तानी चंदे का मामला, जिसमें केजरीवाल के खिलाफ हुई NIA जांच की सिफारिश

अब आगे क्या?

चूंकि, FCRA से जुड़े मामलों की जांच CBI करती है. इसलिए अब गृह मंत्रालय CBI को FCRA के कथित उल्लंघन पर AAP के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दे सकता है.

इस पूरे मामले में पैसों की हेराफेरी के आरोप भी लगाए गए हैं. इसलिए बाद में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच के लिए ED भी केस दर्ज कर सकती है.

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AAP पर दो बड़े आरोप

- विदेश से फंड जुटायाः ईडी के सौंपे डोजियर में आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने 2014 से 2022 के बीच 7.08 करोड़ रुपये का फंड विदेशों से जुटाया, जो FCRA का उल्लंघन है. ईडी ने कनाडाई नागरिकों की ईमेल आईडी और मोबाइल नंबरों के जरिए दिए गए डोनेशन से जुड़े सबूत भी जुटाए हैं.

- पहचान भी छिपाईः आरोप है कि अब तक की जांच में सामने आया है कि विदेशों में आम आदमी पार्टी ने फंड रेजिंग कैंपेन चलाए और इससे न सिर्फ फंड जुटाया, बल्कि अकाउंट बुक्स में डोनर्स की असली पहचान भी छिपाई. ईडी का आरोप है कि कई डोनर्स ने एक ही पासपोर्ट नंबर, एक ही ई-मेल आईडी, एक ही मोबाइल नंबर और एक ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है.

खालिस्तानी फंडिंग का भी है आरोप

हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक शिकायत के आधार पर केंद्रीय गृह सचिव को एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में लिखा गया है कि जेल में बंद आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी संगठनों से 16 मिलियन डॉलर (करीब 133 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिली थी. 

आरोप है कि 2014 से 2022 के बीच आम आदमी पार्टी ने खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस से 133 करोड़ रुपये की फंडिंग ली थी. ये फंडिंग जेल में बंद आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराने के वादे के रूप में ली गई थी.

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