पायलट बोले- कोरोना से लड़ने के लिए बुलेट ट्रेन जैसे महंगे प्रोजेक्ट रोक देना चाहिए

लॉकडाउन-2 के आगे क्या? इस पर मंथन के लिए ई-एजेंडा आजतक के ये जंग नहीं आसान सत्र में शामिल हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट को रोक देने की बात कही.

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राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (फोटो-PTI) राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:56 PM IST

  • 'बुलेट ट्रेन का पैसा कोरोना से जंग में लगना चाहिए'
  • भीलवाड़ा में सुपर कर्फ्यू लगाया था- सचिन पायलट

कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को एक महीने पूरे हो गए हैं. कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के आगे क्या. इस पर मंथन के लिए ई-एजेंडा आजतक के 'ये जंग नहीं आसान' सत्र में शामिल हुए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हर सवाल का बेबाकी से जवाब देते हुए बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट को रोक देने की बात कही.

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सचिन पायलट ने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए भविष्य में कठोर कदम उठाए जाने चाहिए. बुलेट ट्रेन जैसे महंगे प्रोजेक्ट को रोक देना चाहिए. इससे संसाधन बचे रहेंगे और उस पैसे को दूसरे जरूरी कामों पर खर्च किया जा सकेगा. केंद्र सरकार को बिना पक्षपात के खुलेमन से राज्यों को मदद करनी होगी. राज्य सरकारों को आर्थिक संसाधन देना होगा. राजस्थान ही नहीं देश के हर राज्य को पीपीई टेस्टिंग किट की जरूरत है, जिसे सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए.

भीलवाड़ा मॉडल पर सचिन पायलट ने कहा कि हर राज्य की अलग-अलग स्थिति है, भीलवाड़ा में हमने सुपर कर्फ्यू लगाया था, लेकिन जयपुर शहर में इसे लगाने में समय लग गया. पूरे देश में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. पूरी दुनिया इससे जूझ रही है. आने वाले समय में कोरोना पर काबू पा लेंगे. उन्होंने कहा कि 8 लाख मजदूर मनरेगा के तहत काम कर कर रहे हैं.

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रिहायशी इलाकों में दुकानें खोले जाने के फैसले पर पायलट ने कहा कि हम केंद्र के फैसले को लागू करते हैं, उनकी सलाह मानते हैं. लेकिन हर राज्य और जिले की परिस्थितियां अलग होती हैं. जिनके पास घर नहीं है उनके लिए व्यवस्था करनी होगी. केंद्र सरकार को इसके लिए रणनीति बनानी होगी. अन्य राज्यों के लोगों से बात करके केंद्र ऐसी योजना बनाए, जिससे जिनका कोई घर नहीं है उनकी व्यवस्था की जा सके.

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सचिन पायलट ने कहा कि कोटा में जो बच्चे फंसे हैं वो 16 से 20 साल के हैं. उनके लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए. लेकिन दो तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. गरीब-मजदूरों के बारे में भी सोचना चाहिए. लाखों की संख्या में मजदूर भी फंसे हुए हैं. राजस्थान के लाखों लोग कई अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं. उनका खाना खत्म हो रहा है, उनका ख्याल रखना होगा.

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राजस्थान के डिप्टी सीएम ने कहा कि 3 मई को लॉकडाउन खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर भी हमें ध्यान देना होगा. मेरा निजी तौर पर मानना है कि ग्रीन जोन को बंद करके नहीं रखा जाना चाहिए, वहां पर गतिविधियां बढ़ाई जानी चाहिए. लेकिन, जो इलाके रेड जोन में हैं वहां पर लॉकडाउन लागू रखना चाहिए.

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पायलट ने कहा कि कोई भी सरकार नहीं चाहती कि लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया जाए. लेकिन मौजूदा समय में ऐसी परिस्थिति है कि लॉकडाउन लगाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर और कोई कठोर कदम उठाने का जरूरत हो तो उठाना चाहिए.

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