एजेंडा आजतक 2021 के दूसरे दिन शनिवार 'हिंदुत्व' के मुद्दे पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी जमकर नोकझोंक हुई. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हिंदुत्व देश की आत्मा और संस्कृति है. यह देश वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित है, यहां किसी के धर्म को खतरा है और न ही संस्कृति को. यहां हिंदुत्व भी रहेगा, हिंदुस्तान भी रहेगा और सेकुलरिज्म भी रहेगा.
नकवी ने कहा कि समस्या कांग्रेस पार्टी के नेताओं के जड़ में है. इनकी यूएसपी कट कमिशन, करप्शन और कमनलिज्म था. ये कमन्युल टिफिन में सेक्युलर टमाटर का तड़का लगाकर वोट लेते रहे, लेकिन अब सात सालों में खत्म हो गया. इनके हाथों से कमिशन, करप्शन और कमनलिज्म भी चला गया है. ऐसे में इनकी सब दुकान बंद हो गई तो क्या करें. ये बीच-बीच में हिंदुत्व पर ज्ञान देने लगते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब देश के अल्पसंख्यकों को ये बताने की कोशिश करते है कि हिंदुत्व रहेगा तो तुम नहीं रहोगे. ये बात समझ लीजिए कि देश में हिंदुत्व भी रहेगा, हिंदुस्तान भी रहेगा और सेकुलरिज्म भी रहेगा. अयोध्या पर फैसला आया तो सभी ने स्वीकर किया. किसी ने न तो जीत का जश्न मनाया और न ही हार का हाहाकार हुआ. यही हिंदुत्व है.
नकवी बोले कि ये (कांग्रेस) जहां से हारे थे वहीं से शुरू हो गए. लिंचिंग की बात फिर कर रहे हैं. आप उस देश में हैं ,जिस देश के लोगों ने ऐसा संविधान दिया जो सबकी सुरक्षा करता है. आपने हिंदुस्तान के हिंदुत्व को लिंचिंग से जोड़ रहे हैं. ये आप हिंदुस्तान की आत्मा और संस्कार पर हमला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा सामान्य घटना नहीं है. इनका निशाना कहीं और है.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हिंदुस्तान बंटा तो दो देश बने. हिंदुस्तान बना, पाकिस्तान बना. हिंदुस्तान की संसद में वसुधैव कुटुंबकम लिखा है जबकि पाकिस्तान की संसद में क्या लिखा है आपको मालूम है. सनातनी धर्म का नतीजा है कि भारत धर्म निर्पेक्ष देश बना और पाकिस्तान इस्लामिक देश बना. इस हिंदुत्व की ताकत का नतीजा है कि हम अनेकता में एकता की बात करते हैं.
वहीं, साथ ही नकवी ने कहा कि पाकिस्तान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि देश बंटा उस वक्त पाकिस्तान में 24 फीसदी अल्पसंख्यक रहते थे, लेकिन 2 पर्सेंट हैं. हिंदुस्तान में अल्पसंख्यकों की 8 फीसदी थी जब बंटवारा के समय, लेकिन आज 22 फीसदी से ज्यादा है. यानी कि यहां पर हिंदुत्व ने समाज के किसी भी हिस्से और संस्कृति को किसी से अलग होने नही दिया. देश में जिसकी जो संस्कृति है फले फूले, जैसा की सलमान खुर्शीद भी कह रहे हैं.
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